पाकिस्तान के साथ रक्षा सौदे मामले में फ्रांस के पूर्व PM-रक्षामंत्री पर चलेगा ट्रायल

एदुअर्द बलादुर के साथ-साथ फ्रांस के पूर्व रक्षा मंत्री फ्रांसिस लेटर्ड पर भी इस मामले में केस चलेगा. 2017 में पूर्व रक्षा मंत्री पर इस मामले में केस दर्ज किया गया था, जिसमें सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था.

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पनडुब्बी सौदे में पूर्व फ्रांसीसी पीएम पर चलेगा केस (फोटो: PAK NAVY) पनडुब्बी सौदे में पूर्व फ्रांसीसी पीएम पर चलेगा केस (फोटो: PAK NAVY)

aajtak.in

  • पेरिस,
  • 02 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 1:59 PM IST

  • फ्रांस के पूर्व पीएम बलादुर पर चलेगा केस
  • PAK के साथ रक्षा सौदे मामले में केस
  • 1990 में सामने आया था रिश्वत का मामला

फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री एदुअर्द बलादुर पर पाकिस्तान के साथ एक आर्म डील करने के मामले में ट्रायल चलेगा. 1990 में हुई पनडुब्बियों को लेकर इस डील में एदुअर्द बलादुर पर रिश्वत लेने का आरोप है. बुधवार को पेरिस की एक अदालत ने 90 साल के पूर्व प्रधानमंत्री पर केस चलाने का आदेश दिया.

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पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, एदुअर्द बलादुर के साथ-साथ फ्रांस के पूर्व रक्षा मंत्री फ्रांसिस लेटर्ड पर भी इस मामले में केस चलेगा. 2017 में पूर्व रक्षा मंत्री पर इस मामले में केस दर्ज किया गया था, जिसमें सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था. उनपर आरोप था कि 1993 से 1995 के वक्त उन्होंने देश की कुछ सबमरीन को पाकिस्तान को बेचा था, तब एदुअर्द बलादुर ही देश के प्रधानमंत्री थे.

अदालत के फैसले के बाद पूर्व प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने बयान जारी कर खुद को निर्दोष बताया है. दोनों नेताओं पर आरोप ये भी है कि इसी डील के जरिए जो रिश्वत मिली थी उन्होंने उसका इस्तेमाल तबके राष्ट्रपति चुनाव में किया था. (पूर्व फ्रांसीसी  प्रधानमंत्री एदुअर्द बलादुर)

क्या हैं आरोप?

दोनों नेताओं पर करीब 2 मिलियन यूरो डॉलर (आज के समय की कीमत) की रिश्वत लेने का आरोप है, जिसमें 1995 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में करीब 10 मिलियन फ्रांसिस कैश लेने का आरोप भी है. इस मामले की खुलासा 2002 में हुआ था, जब पाकिस्तान में फ्रांस के इंजीनियरों पर हमला हुआ था और फ्रांस ने वहां पर जांच शुरू की थी. इससे जुड़े मामले की तारें खुलती गई और पूर्व प्रधानमंत्री तक पहुंच गईं.

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2002 के कराची हमले में 11 इंजीनियरों की हत्या हो गई थी, जिसके पीछे अलकायदा के आतंकियों का नाम आया था. हमले के पीछे का कारण बताया गया था कि तब के फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के साथ इस डील को बंद करने का ऐलान किया था, इसी का बदला आतंकियों ने फ्रांस के नागरिकों को मारकर लिया था.

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