'अब पाकिस्तान में सिर्फ 8 हजार सिख बचे, जबरन कराया जा रहा धर्म परिवर्तन'

पाकिस्तान के लाहौर स्थित जीसी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कल्याण सिंह ने बताया कि पाकिस्तान में पिछले 15 साल में सिखों की संख्या घटकर 8 हजार रह गई है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है.

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लाहौर के जीसी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कल्याण सिंह लाहौर के जीसी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कल्याण सिंह

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 6:37 PM IST

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और जबरन धर्म परिवर्तन कराने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. अब ताजा मामला एक सिख लड़की के जबरन धर्म परिवर्तन कराने का सामने आया है. पीड़ित लड़की का नाम जगजीत कौर है, जिसको जबरन मुस्लिम बना दिया गया और उसका नाम बदलकर आयशा कर दिया गया. इतना ही नहीं, जगजीत की मुस्लिम युवक के साथ शादी भी करा दी गई है.

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पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन की वजह से सिख समुदाय की संख्या में तेजी से गिरावट हो रही है. लाहौर स्थित जीसी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कल्याण सिंह ने बताया कि पाकिस्तान में पिछले 15 साल में सिखों की संख्या में जबरदस्त कमी आई है. अब पाकिस्तान में सिखों की संख्या 8 हजार बची है.

कल्याण सिंह ने कहा, 'पाकिस्तान में सिखों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, जिसके चलते सिखों की संख्या में तेजी से कमी आ रही है. मैं इसके लिए पाकिस्तान सरकार से ज्यादा सिख समुदाय के रहनुमाओं को दोषी मानता हूं, क्योंकि सिख समुदाय के रहनुमा पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान में रहने वाले सिखों के न कभी विचार साझा करते हैं और न ही इनके मुद्दे उठाते हैं.

लाहौर की जीसी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कल्याण सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में सिर्फ सिख ही नहीं, बल्कि हिंदू और ईसाई समेत सभी अल्पसंख्यक समुदाय के लोग जबरन धर्म परिवर्तन के शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सिखों के रहनुमाओं को अपने समुदाय के लोगों के लिए अलग फैमिली लॉ बनाने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए अलग-अलग कानून बनाने की मांग की जानी चाहिए.

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उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में रहने वाला सिख भी धर्म की सेवा करता है, लेकिन उसको सिख समुदाय के रहनुमाओं का साथ नहीं मिलता है. सिख समुदाय के लोग लंगरों और गुरुद्वारों पर जोर देते हैं. सिखों की शिक्षा की ओर तनिक भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते सिख समुदाय के लोग शिक्षा से भी वंचित होते जा रहे हैं.

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