नेपाल में विवाह करने वाली भारतीय महिला को अब नहीं लगाने होंगे कोर्ट के चक्कर, सरकार ने बदला कानून

नेपाल में पहले अगर किसी भारतीय महिला को शादी करनी है तो उसे कोर्ट में रिश्ता प्रमाणित कराना पड़ता था लेकिन अब सरकार ने नियम में बदलाव कर दिया है. अब भारतीय महिलाओं को नेपाली पुरुषों से शादी करने के लिए कोर्ट के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.

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नेपाल में भारतीय महिलाओं की शादी हुई आसान (Representational Image- PTI) नेपाल में भारतीय महिलाओं की शादी हुई आसान (Representational Image- PTI)

सुजीत झा

  • नई दिल्ली,
  • 18 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:09 AM IST
  • नेपाल में भारतीय महिलाओं के लिए शादी करना हुआ आसान
  • पहले लगाने पड़ते थे कोर्ट के चक्कर
  • अब सरकार ने कानून में किया बदलाव

नेपाल भारत के बीच खुली सीमा होने के कारण प्रत्येक वर्ष सैकड़ों की संख्या में भारतीय महिलाओं का विवाह नेपाल में होता था. लेकिन शादी के बाद विवाह दर्ता प्रमाण पत्र बनाने के लिए उन्हें कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाना पडता था.

नेपाल की पिछली कम्यूनिष्ट सरकार ने भारतीय महिलाओं के राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में कटौती कर दी थी. साथ ही नेपाली नागरिक से शादी करने वाली भारतीय महिला को सात साल तक नागरिकता का प्रमाण पत्र लेने का इंतजार करने जैसे कठोर कानून बना दिया था. हालांकि, अत्यन्त विरोध के बाद सात साल वाला कानून वापस लेना पडा था.

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अब नेपाल की देउवा सरकार ने नेपाल में शादी करने वाले भारतीय महिलाओं के लिए एक और सहूलियत वाला कानून बना दिया है. पहले भारतीय महिलाओं को शादी करने के बाद नेपाल के कोर्ट में नाता प्रमाणित कराना होता था. अदालत से मंजूरी मिलने के बाद ही स्थानीय नगर पालिका या गांव पालिका में विवाह दर्ता हो पाता था.

नेपाल सरकार ने राष्ट्रीय परिचय पत्र तथा पंजीकरण नियमावली की धारा 16(6) में परिवर्तन करते हुए अदालत से नाता प्रमाणित करने वाले नियम को हटा दिया है. अब कोई भी भारतीय महिला जो किसी नेपाली नागरिक से शादी करती है तो उसे सीधे अपने गांव पालिका या नगरपालिका के वार्ड दफ्तर में ही विवाह दर्ता का प्रमाण पत्र मिल जाएगा.

जहां तक नेपाल में शादी करने वाली भारतीय महिलाओं को नेपाली नागरिकता का प्रमाण पत्र लेने में सात साल के इंतजार का प्रावधान था उसको हटा कर अब नेपाल में शादी करने वाली भारतीय महिला अपने विवाह दर्ता प्रमाण पत्र के साथ भारतीय नागरिकता परित्याग करने का सप्रमाण दस्तावेज जमा करने पर तत्काल उसको नेपाल का वैवाहिक अंगीकृत नागरिकता का प्रमाण पत्र मिल जाने की व्यवस्था है.

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हालांकि, माओवादी जैसी सत्तारूढ कम्यूनिष्ट पार्टी अब भी इस बात की मांग कर रहे हैं कि नेपाल में शादी करके आई महिलाओं को कम से कम सात साल के बाद ही नागरिकता दी जाए.

वैसे नेपाल के नए संविधान में नेपाल में भारतीय बेटियों को कई सारे राजनीतिक अधिकार से वंचित होना पड़ा है जिसके लिए अभी भी मधेशी दल संघर्षरत है. अब नेपाल में ब्याही भारतीय बेटियां नेपाल के कई उच्च पदों के लिए वंचित कर दी गई है जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, संसद अध्यक्ष, प्रधान सेनापति, प्रदेश की मुख्यमंत्री, प्रदेश सभा अध्यक्ष जैसे पद हैं. 

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