सीरिया में अमेरिकी सेना के एक ऑपरेशन में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) का सरगना अबू इब्राहिम अल-हाशिमी अल-कुरैशी (Abu Ibrahim al-Hashemi al-Quraishi) मारा गया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कुरैशी के मारे जाने की घोषणा की है. बताया जा रहा है कि कुरैशी तुर्की सीमा पर सीरियाई शहर में एक तीन मंजिला इमारत में रह रहा था. जहां उसने खुद को परिवार समेत बम से उड़ा दिया.
व्हाइट हाउस और अमेरिकी रक्षा अधिकारियों के अनुसार, कुरैशी की मौत उस समय हुई जब सेना द्वारा इलाके में घेराबंदी की जा रही थी. यह ऑपरेशन ठीक वैसा ही था जैसा अमेरिकी सेना ने जिस तरह से अलकायदा के आतंकी ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया था. लेकिन जब तक सेना कुरैशी तक पहुंचती उसने परिवार समेत खुद को बम से उड़ा दिया.
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वहीं बाइडन (Joe Biden) ने अपने एक ट्वीट में जानकारी देते हुए लिखा, ''कल रात मेरे निर्देश पर अमेरिकी सैन्य बलों ने सफलतापूर्वक एक आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया. सशस्त्र बलों की बहादुरी के लिए धन्यवाद, हमने आईएसआईएस के ग्लोबल लीडर को मौत के घाट उतार दिया है. हमारे सैनिकों की बहादुरी की बदौलत यह कुख्यात आतंकवादी नेता अब इस दुनिया में नहीं रहा.''
Last night, operating on my orders, U.S. military forces successfully removed a major terrorist threat to the world: the global leader of ISIS.
Thanks to the bravery of our troops, this horrible terrorist leader is no more.
कुरैशी को बम से उड़ाने से पहले सेना ने पहली मंजिल से 4 बच्चों समेत 6 लोगों को बाहर निकाल लिया था. हालांकि, कुछ देर बाद ही उसने खुद को बम से उड़ा लिया. इसमें कुरैशी के अलावा उसकी दोनों पत्नी और एक बच्चे की भी मौत हो गई.
ब्लास्ट में हुई 13 लोगों की मौत
अमेरिकी सेना के मुताबिक, इस ब्लास्ट में कम से कम 13 लोग मारे गए हैं. सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स वॉर मॉनिटर ने कहा कि उसे 13 लोगों के मारे जाने की खबर है, जिनमें से 12 घर के अंदर मारे गए.
बताया जा रहा है कि कुरैशी, आईएस के संचालन के क्षेत्र और एक जिहादी समूह एचटीएस, से दूर एक शहर में छिपा हुआ था. लेकिन फिर भी विश्लेषकों का तर्क है कि यह हैरान करने वाली है कि उसे आईएस के गढ़ से दूर एक क्षेत्र में ट्रैक किया गया था.
अबु बक्र अल बगदादी की मौत के बाद कुरैशी बना था ISIS चीफ
कुरैशी के बारे में सामने आई जानकारी के मुताबिक उसे अबु बक्र अल बगदादी की मौत के बाद साल 2019 में आईएसआईएस का चीफ बनाया गया था. माना जाता है आतंकियों के बीच इस नाम के ऐलान के बाद काफी हैरानी पाई गई, क्योंकि कुरैशी आतंक की दुनिया में एक नया नाम था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आतंकी ने यजीदियों के नरसंहार में भी बड़ी भूमिका निभाई थी. यही नहीं इस आतंकी का नाम शिया नागरिकों की हत्या में भी शामिल है. बताया जाता है कि कुरैशी सद्दाम हुसैन की आर्मी में भी रह चुका है.
न्यूज एजेंसी ने व्हाइट हाउस के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया है कि इस ऑपरेशन की प्लानिंग दिसंबर की शुरुआत में हुई थी. जानकारी के मुताबिक इमारत के मालिक ने एएफपी को बताया था कि कुरैशी वहां 11 महीने से रह रहा था. इसके बाद अमेरिकी सेना को पहली मंजिल पर रहने वाले परिवारों और आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा के मकसद से एक मिशन तैयार करने को कहा गया. आखिरकार तय हुआ कि अमेरिकी सैनिक वहीं जाकर इस ऑपरेशन को अंजाम देंगे.
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