ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि वे यूके के स्कूलों में मुस्लिम लड़कियों को बुर्का पहनने से रोके जाने के पक्ष में हैं. कैमरन ने कहा कि वो उचित और तार्किक भरे नियमों के पक्ष में हैं. हालांकि वो बुर्के पर पूरी तरह बैन लगाने के पक्ष में नहीं हैं.
कैमरन ने कहा कि कुछ खास स्थितियों में अगर जरूरत पड़े तो ऐसी स्थितियों में वो चेहरा दिखाए जाने की वकालत करते हैं.
नए वीजा नियम को मंजूरी
प्रधानमंत्री कैमरन ने ब्रिटेन की नई वीजा नीति को भी मंजूरी दे दी है, जिसके तहत ढाई साल से ज्यादा वक्त से ब्रिटेन में रह रही मुस्लिम महिलाओं को अंग्रेजी के लिए परीक्षा देनी होगी. इसमें फेल होने पर उन्हें वापस उनके देश भेजा जा सकता है.
सख्त होंगे नियम
कैमरन ने कहा कि वो नियमों को सख्त बनाने जा रहे हैं और नए नियमों के मुताबिक जीवनसाथी वीजा पर ब्रिटेन आने वालों के लिए अंग्रेजी बोलना जरूरी होगा. उन्होंने कहा, 'पांच साल के स्पेशल सेटलमेंट प्रोग्राम के दौरान जो लोग वीजा की अवधि बढ़ाना चाहेंगे उन्हें ढाई साल बाद अंग्रेजी भाषा का टेस्ट देना होगा. टेस्ट में फेल होने पर उनसे ब्रिटेन में रहने का अधिकार छीना जा सकता है.'
अंग्रेजी सीखने में मदद करेगी सरकार
डेविड कैमरन ने बताया कि अंग्रेजी सीखने की इच्छुक महिलाओं के लिए सरकार की तरफ से 3 करोड़ डॉलर का फंड दिया जाएगा. मुस्लिम महिलाएं अपने घरों, स्कूलों या सार्वजनिक जगहों पर अंग्रेजी की क्लास ले सकेंगी. पीएम ने कहा कि अंग्रेजी नहीं आने से ब्रिटेन में रहने वाली मुस्लिम महिलाओं पर कट्टरवादियों के असर पड़ने का खतरा है. हालांकि साथ ही कैमरन ने कहा कि वो ये नहीं कहते कि अंग्रेजी नहीं आने और कट्टरवादी बनने के बीच किसी तरह का संबंध है.
आंकड़ों की मानें तो ब्रिटेन में रह रही करीब 2 लाख मुस्लिम महिलाएं अंग्रेजी नहीं बोल पाती हैं. ये आंकड़ा ब्रिटेन की स्थानीय मुस्लिम आबादी का 22 फीसदी है.
मोनिका शर्मा