तापमान बढ़ा तो विक्टोरिया झील हो जाएगी और खतरनाक

70 हजार स्क्वॉयर किलोमीटर की विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी झील है लेकिन अब इस झील पर ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है. इसके किनारे पर युगांडा केन्या और तंजानिया के तकरीबन 2 लाख लोग रह रहे हैं. बढ़ते हुए तापमान की वजह से झील काफी खतरनाक हो गई है. झील में उठने वाले खतरनाक तूफानों की वजह से हर साल बहुत से लोग झील के अंदर मछली पकड़ने जाते वक्त मारे जाते हैं.

Advertisement
क्वीन विक्टोरिया के बाद झील का नाम 'विक्टोरिया' रखा गया क्वीन विक्टोरिया के बाद झील का नाम 'विक्टोरिया' रखा गया

प्रियंका झा / सिद्धार्थ तिवारी

  • अफ्रीका,
  • 13 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST

70 हजार स्क्वॉयर किलोमीटर की विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी झील है लेकिन अब इस झील पर ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है. इसके किनारे पर युगांडा केन्या और तंजानिया के तकरीबन 2 लाख लोग रह रहे हैं. बढ़ते हुए तापमान की वजह से झील काफी खतरनाक हो गई है. झील में उठने वाले खतरनाक तूफानों की वजह से हर साल बहुत से लोग झील के अंदर मछली पकड़ने जाते वक्त मारे जाते हैं.

Advertisement

हवाओं में बदलाव तूफान की वजह
विक्टोरिया झील के ऊपर खतरनाक तूफान हवाओं में हो रहे बदलाव की वजह से बनते हैं. दिन के वक्त विक्टोरिया झील की सतह का तापमान आसपास के इलाकों के मुकाबले कम होता है. इससे झील की सतह से आसपास के इलाकों की तरफ हवाएं चलने शुरू होती है. इस वजह से आसपास के इलाकों में दिन के समय तूफान आने की संभावना ज्यादा रहती है. लेकिन रात के वक्त यह स्थिति बदल जाती है झील की सतह का तापमान आसपास के इलाकों के मुकाबले ज्यादा होता है इससे आसपास के इलाकों की तरफ से हवाएं झील की ओर चलना शुरू होती है इस वजह से विक्टोरिया झील रात को ज्यादा खतरनाक हो जाती है. 70 हजार स्क्वॉयर किलोमीटर क्षेत्रफल वाली विक्टोरिया झील रात के वक्त तमाम बड़े तूफानों की मार का सामना करती है. इस वजह से रात में मछली मारने गए लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है.

Advertisement

तूफान में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है
विक्टोरिया झील के तूफानों का अध्यन कर रही एक अंतर्राष्ट्रीय टीम जिसका नेतृत्व विम थेयरी कर रहे हैं, ने पाया है क्लाइमेट चेंज की वजह से विक्टोरिया लेक के तूफान और ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं. उन तूफानों में मरने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. 2005 और 2013 के बीच इस टीम ने विक्टोरिया झील मैं पैदा होने वाले तूफानों का सेटेलाइट के जरिए अध्ययन किया है. इस अध्ययन में पाया गया है कि जैसे-जैसे धरती का तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे विक्टोरिया झील पर तूफान और ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं. सेटेलाइट के जरिए किए गए इस अध्ययन में पाया गया है की विक्टोरिया झील पर बनने वाले बादलों की तीव्रता भी ज्यादा है और उनके अंदर घर्षण भी. इस वजह से झील की सतह पर बने तूफानों में हवा की रफ्तार ज्यादा होती जा रही है और उन तूफानों में कड़कने वाली बिजली का वोल्टेज भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. इससे झील के अंदर बिजली गिरने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं और तूफान के वक्त झील के अंदर उठने वाली लहरों की ऊंचाई भी.

ऐसा अनुमान है कि आने वाले दिनों में जैसे जैसे धरती का तापमान बढ़ेगा वैसे वैसे विक्टोरिया झील के अंदर उठने वाले तूफान और ज्यादा खतरनाक होते जाएंगे. इसी के साथ विक्टोरिया झील के अंदर मछली पकड़ने जाना ज्यादा जोखिम वाला काम होता जाएगा. इस अध्ययन के बारे में नेचर कम्युनिकेशन जनरल में विस्तृत तरीके से जानकारी दी गई है. थेयरी और उनके साथी वैज्ञानिकों का अनुमान है की विक्टोरिया झील के आस-पास रहने वाली जनजातियों के लिए आने वाला समय मौसम के लिहाज से काफी खतरनाक होने जा रहा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement