ब्रेग्जिट पर फंसे ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन देश में मध्यावधि चुनावों की घोषणा कर सकते हैं. बोरिस जॉनसन हर कीमत पर 31 अक्टूबर से पहले ब्रेजिग्ट प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहते हैं. यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के बाहर निकलने की प्रक्रिया ब्रेग्जिट कहा जा रहा है. लेकिन बोरिस जॉनसन के इस लक्ष्य में विपक्ष अडंगा डाल रहा है. विपक्ष चाहता है कि ब्रिटेन 2020 तक ब्रेग्जिट का सदस्य बना रहे. लेकिन ब्रेग्जिट से बाहर आने के वादे को पूरा करने के लिए बोरिस जॉनसन संसद तक को सस्पेंड करने के लिए तैयार हैं. इसके लिए वे ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से अनुमति भी ले चुके हैं.
ब्रिटेन के लोकतंत्र की दुहाई देकर इन दिनों हजारों लोग लंदन की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 'RIP ब्रिटिश डेमोक्रेसी', 'बोरिस जॉनसन हमारे प्रतिनिधि नहीं हैं.' जैसी तख्तियां लेकर हजारों लोग ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के आवास 10 डाउनिंग के सामने इकट्ठा हुए और नारेबाजी की. इसके अलावा सेंट्रल लंदन, बेलफास्ट, यॉर्क और दूसरे शहरों में भी प्रदर्शन हुए हैं.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बोरिस जॉनसन सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों की उपेक्षा कर बगैर समझौता के यूरोपीय संघ से बाहर निकलना चाहते हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि संसद को निलंबित करना तानाशाही है. PM जॉनसन की इस योजना के खिलाफ लोगों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया है. इस मुहिम के समर्थन में अबतक 15 लाख लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं.
बता दें कि ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन किसी भी हालत में 31 अक्टूबर तक ब्रेग्जिट को पूरा करना चाहते हैं. ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से बाहर होने की डेडलाइन 31 अक्टूबर है. इधर ब्रिटेन के विपक्षी सांसद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस कदम का विरोध कर रहे हैं और संसद में एक बिल लाना चाहते हैं. इस बिल के पास होने पर बोरिस जॉनसन को यूरोपियन यूनियन से 31 जनवरी 2020 तक ब्रेग्जिट प्रक्रिया रोकने की मंजूरी लेनी पड़ेगी, और ऐसा करना संवैधानिक फर्ज हो जाएगा.
ब्रिटेन की संसद में इस वक्त गर्मी की छुट्टियां चल रही हैं. ब्रिटिश संसद की कार्यवाही 3 सितंबर से शुरू होनी थी. लेकिन विपक्षी नेताओं को बिल लाने से रोकने के लिए पीएम बोरिस जॉनसन ने संसद को निलंबित करने का दांव चला है. दरअसल अगर संसद चलेगी ही नहीं तो विपक्षी नेता कोई बिल पेश नहीं कर पाएंगे. इसके लिए बोरिस जॉनसन को ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से अनुमति लेनी पड़ी. महारानी एलिजाबेथ ने 14 अक्टूबर तक संसद को निलंबित करने की अनुमति दे दी है. हालांकि इस पूरी प्रक्रिया को शक की निगाहों से देखा जा रहा है, और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का खात्मा कहा जा रहा है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अगर विपक्षी सांसद सांसद ब्रेग्जिट डील को आगे बढ़ाने वाले बिल को पास कराने में कामयाब हो जाते हैं, तो ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन समय से पहले आम चुनाव करा सकते हैं. माना जा रहा है कि अगले दो दिनों में चुनाव की घोषणा हो सकती है. ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्रिटेन के आम चुनाव 31 अक्टूबर से पहले कराए जा सकते हैं, ताकि 31 अक्टूबर की डेडलाइन से पहले ही ब्रेग्जिट को अंजाम दिया जा सके. ब्रिटिश कानून के मुताबिक समय से पहले चुनाव करवाने के लिए पीएम जॉनसन को दो तिहाई सांसदों का समर्थन हासिल करना पड़ेगा. अब पीएम जॉनसन के लिए ये समर्थन हासिल करना चुनौती जैसा है.
बोरिस जॉनसन ने ब्रिटेन की जनता से वादा किया है कि चाहे कुछ भी हो 31 अक्टूबर से पहले ब्रिटेन ब्रेग्जिट प्रक्रिया पूरी कर लेगा. अब इस वादे को पूरा करने के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं.
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