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ब्रिटेन की संसद ने यूरोपीय संघ से देश के बाहर निकलने की प्रक्रिया यानि ब्रेग्जिट समझौते को 29 मार्च से आगे ले जाने के पक्ष में गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित किया. ब्रेग्जिट को लेकर देश में जारी राजनीतिक गतिरोध के बीच यह प्रस्ताव पारित हुआ है. हाउस ऑफ कॉमन्स में ‘ब्रेक्जिट डे’ में देरी से जुड़े इस प्रस्ताव के पक्ष में 412 सांसदों ने जबकि विपक्ष में 202 सदस्यों ने वोट डाला.
हालांकि, ब्रेग्जिट में देरी के लिए यूरोपीय संघ के सभी 27 देशों की सहमति की जरूरत होगी. इस बीच यूरोपीय संघ के नेताओं ने संकेत दिया है कि वे ब्रिटेन में जारी राजनीतिक गतिरोध के आधार पर ब्रेग्जिट की तारीख और आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं. इससए पहले ब्रिटिश सांसदों ने बुधवार को प्रधानमंत्री थेरेसा मे के ब्रेग्जिट डील को खारिज कर दिया था.
हाउस ऑफ कॉमन्स में डील के विपक्ष में 278 के बदले 321 वोट पड़े. दूसरी तरफ यूरोपीय संघ ने कहा कि वह इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकता. अगर ब्रिटिश संसद यूरोपीय संघ के साथ हुए समझौते को मंजूर करने में असफल होती है और संघ ज्यादा समय देने में असमर्थ रहता है तो ब्रिटेन 29 मार्च को संघ से बिना किसी समझौते के अलग हो जाएगा. अब इस प्रक्रिया की तारीख आगे बढ़ाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है.
ब्रिटिश संसद के इस प्रस्ताव का कई व्यापार प्रमुखों ने स्वागत किया है. हालांकि, उन्होंने चेतावनी भी दी है कि ब्रिटेन का भविष्य अभी भी चाकू की नोंक पर है. ब्रिटिश उद्योग परिसंघ (CBI) ने कहा कि सरकार को अब सांसदों के बीच आम सहमति बनाने के लिए नया तरीका अपनाना चाहिए.
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