मोदी सरकार के फैसले को चुनौती दे सकते हैं आतिश तासीर, रद्द हुआ था OCI कार्ड

लेखक और पत्रकार आतिश अली तासीर के ओसीआई कार्ड को भारत सरकार ने रद्द करने का फैसला किया था. आतिश अली तासीर अब भारत सरकार के फैसले को चुनौती दे सकते हैं.

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आतिश तासीर (फाइल फोटो) आतिश तासीर (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:47 PM IST

लेखक और पत्रकार आतिश अली तासीर के ओसीआई (ओवरसीज सिटीजनशीप ऑफ इंडिया) कार्ड को भारत सरकार ने रद्द करने का फैसला किया था. आतिश अली तासीर अब भारत सरकार के फैसले को चुनौती दे सकते हैं.

उन्होंने कहा कि वह सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे. ब्रिटेन में जन्में लेखक आतिश अली तासीर पर पिता के पाकिस्तानी मूल के होने की जानकारी छुपाने का आरोप है. लोकसभा चुनाव से पहले तासीर ने टाइम मैगजीन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आर्टिकल लिखते हुए उन्हें 'डिवाइडर इन चीफ' कहा था.

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क्यों अयोग्य हुए आतिश तासीर?

पिछले हफ्ते केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था कि तासीर भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह और पाकिस्तान के दिवंगत नेता सलमान तासीर के बेटे हैं. उन्हें ओसीआई कार्ड के लिहाज से अयोग्य कर दिया गया है क्योंकि यह कार्ड ऐसे किसी व्यक्ति को जारी नहीं किया जाता है जिसके माता-पिता या दादा-दादी पाकिस्तान से हों और उस व्यक्ति ने वह तथ्य छिपाया हो.

टाइम मैग्जीन ने लेख के बाद मारी थी पलटी

सात महीने पहले भारत में हुए आम चुनावों के दौरान तासीर ने टाइम पत्रिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'डिवाइडर इन चीफ' शीर्षक से आलेख लिखा था. हालांकि, चुनाव परिणाम के तत्काल बाद पलटी मारते हुए टाइम मैगजिन ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसका शीर्षक था, 'मोदी ने भारत को इतना एकजुट किया, जो कि दशकों में कोई प्रधानमंत्री नहीं कर पाया.'

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इस लेख से पहले, चुनाव पूर्व टाईम में प्रकाशित हुए आतिश तासीर के लेख को चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के विरोधियों द्वारा खूब इस्तेमाल किया गया और मोदी के आलोचकों ने इसे एक वैश्विक मीडिया पावरहाउस द्वारा उन्हें 'विभाजनकारी' के रूप में आरोपित करना करार दिया था.

भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दिवंगत गवर्नर सलमान तासीर के ब्रिटेन में जन्मे बेटे तासीर ने कवर स्टोरी में लिखा था, 'मोदी का आर्थिक करिश्मा ही साकार होने में असफल नहीं रहा, बल्कि उन्होंने भारत में जहरीले धार्मिक राष्ट्रवाद का माहौल बनाने में भी मदद की है.'

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