उत्तर प्रदेश के सभी शक्तिपीठों और देवी मंदिरों में शारदीय नवरात्रि पर भव्य आयोजन किए जाएंगे. इसकी जिम्मेदारी सभी जिलाधिकारियों को दे दी गई है. मंदिरों में आयोजन के लिए फंड यूपी सरकार देगी. इस पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी आई है. जहां सपा ने कहा कि ये तो ठीक है, लेकिन सरकार दूसरे धर्मों के कार्यक्रमों में रुकावट न करे. वहीं कांग्रेस ने इन कार्यक्रमों को सियासत बताया है.
शारदीय नवरात्रि की तीन अक्टूबर से शुरुआत हो रही है, जोकि 12 अक्टूबर तक चलेंगे. इस दौरान प्रदेश के मंदिरों पर दुर्गा सप्तशती का पाठ, अखंड रामायण और भजन कीर्तन के आयोजन किए जाएंगे. मंदिरों में आयोजन के लिए यूपी सरकार का संस्कृति विभाग पैसा देगा. कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी सभी जिलों में जिलाधिकारियों को दी गई है. इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
दूसरे धर्मों के कार्यक्रमों में रुकावट न डालें: सपा
वहीं इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील साजन ने कहा कि इससे कोई आपत्ति नहीं है. दुर्गा पाठ होना तो अच्छी बात है, लेकिन दूसरे धर्मों के कार्यक्रम में सरकार रूकावट न करे. ये देश एकता पर आधारित देश है. सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी को साथ लेकर चले.
कांग्रेस बोली- सभी धर्मों के लिए करें कार्यक्रम
हीं कांग्रेस ने इन कार्यक्रमों को सियासत बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, ये तो सियासत है. सभी धर्मों के लिए एक नियम होना चाहिए. सांस्कृतिक विभाग को सभी धर्मों के लिए करना चाहिए. एक धर्म के लिए करने से मैसेज सही नहीं जाता है.
सरकारी आदेश पर मौलाना क्या बोले?
बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा कि कार्यक्रम का आयोजन होगा हमें इस पर कोई एतराज नहीं है. ज्यादा से ज्यादा प्रोग्राम हों. किसी भी मुसलमान को इससे कोई आपत्ति नहीं है. मगर इसी के साथ-साथ जब मुसलमान का कोई त्योहार आए, जैसे मोहर्रम, ईद मिलादुन्नबी है, शबे बारात है, रमजान है तो इसी तरीके से उत्तर प्रदेश सरकार का संस्कृत विभाग आदेश जारी करे.
शिल्पी सेन / अभिषेक मिश्रा / कृष्ण गोपाल राज