उस पीले लिफाफे की कहानी, जिसे लेकर अखिलेश यादव पहुंचे थे पुलिस मुख्यालय

जब सपा नेता मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी हुई तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक पीला लिफाफा लेकर पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे. दावा किया जा रहा है कि इसी पीले लिफाफे की वजह से ही सपा और भाजपा के बीच का ट्विटर थम गया. आइए जानते हैं कि इस पीले लिफाफे में क्या था?

Advertisement
जब पीला लिफाफा लेकर डीजीपी दफ्तर पहुंचे थे अखिलेश जब पीला लिफाफा लेकर डीजीपी दफ्तर पहुंचे थे अखिलेश

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 12 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:38 AM IST

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच ट्विटर वार थम गया है. ट्विटर पर मचे घमासान के थमने वजह काफी रोचक है. दरअसल, जब सपा नेता मनीष जगन अग्रवाल की गिरफ्तारी हुई तो सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव एक पीला लिफाफा लेकर पुलिस मुख्यालय पहुंचे थे. दावा किया जा रहा है कि इसी पीले लिफाफे की वजह से ही दोनों पार्टियों के बीच का ट्विटर थम गया. आइए जानते हैं कि इस पीले लिफाफे में क्या था?

Advertisement

बताया जा रहा है कि इस पीले लिफाफे में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने ऊपर किए गए अभद्र ट्वीट का स्क्रीनशॉट लेकर पहुंचे थे. इसके साथ ही अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव सहित परिवार के प्रति किए गए अभद्र ट्वीट की पूरी लिस्ट और स्क्रीनशॉट को सबूत के तौर पर पीले लिफाफे में लेकर डीजीपी ऑफिस पहुंचे थे. यह सबूत देकर अखिलेश ने कार्रवाई की मांग की थी.

जानकारी के मुताबिक, अखिलेश यादव ने जब अपनी पत्नी और बच्चों के खिलाफ किए गए ट्वीट की शिकायत डीजीपी से की, तब आनन-फानन में लखनऊ के पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर पत्रकारों को यह आश्वासन दिया कि जो भी लोग अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, चाहे वह किसी भी पार्टी को उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यानी अखिलेश के सबूत के बाद पुलिस को इस तरीके के बयान जारी करने पड़े.

Advertisement

समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह साजन के मुताबिक, 'अखिलेश यादव पीले लिफाफे में सारे सबूत लेकर डीजीपी के पास पहुंचे थे और कहा था कि जिस तरीके से डिंपल यादव के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए और हमारे कार्यकर्ता को गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन पुलिस अगर बीजेपी के कार्यकर्ता की तरह काम करेगी तो फिर न्याय कैसे मिलेगा.

अखिलेश यादव ने जैसे ही सबूत डीजीपी को सौंपा तो पुलिस पर बीजेपी नेत्री ऋचा राजपूत पर कार्रवाई का दवाब बना. इसके बाद अगले ही दिन सपा नेता मनीष जगन अग्रवाल को पुलिस ने ही जमानत पर रिहा कर दिया. फिर अखिलेश यादव सामने आए और कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि ऋचा राजपूत की गिरफ्तारी हो, लेकिन सोशल मीडिया पर भाषा की मर्यादा का पालन किया जाना चाहिए. अखिलेश के इस बयान के बाद फिलहाल बीजेपी और सपा के बीच का ट्विटर वार थम गया है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement