बीजेपी सरकार के तमाम बड़े नेताओं की तस्वीरें लगाकर ठगी कर रहे संजय शेरपुरिया की उल्टी गिनती दिल्ली के एक व्यापारी गौरव डालमिया के खिलाफ चल रही जांच निपटाने में ली गई करोड़ों की रकम से शुरू हुई. आइए जानते हैं कि गौरव डालमिया कौन है? किस मामले में उनके खिलाफ जांच चल रही है और संजय शेरपुरिया को क्यों पैसे दिए गए?
जिस गौरव डालमिया के खिलाफ सेंट्रल एजेंसी के द्वारा की जा रही जांच को निपटाने के नाम पर संजय शेरपुरिया ने करोड़ों की रकम ली थी, वह गौरव डालमिया दिल्ली का एक बड़ा कारोबारी है. मिली जानकारी के अनुसार, गौरव डालमिया ने पोंटी चड्ढा ग्रुप की वेब सिटी में 111 करोड़ की भारी-भरकम रकम फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के जरिए करवाई थी.
बताया जाता है इतनी बड़ी रकम का एफडीआई के जरिए वेब सिटी में निवेश हुआ तो उसके दाम 3 गुना बढ़ गए. पहले से तमाम हेराफेरी और गड़बड़ी के लिए जांच एजेंसियों के रडार पर चल रही वेब सिटी में 100 करोड़ से अधिक के इस निवेश पर जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए. जांच की गई तो गौरव डालमिया के खिलाफ फेमा के तहत केस दर्ज हो गया.
मामला करोड़ों के लेनदेन का था, लिहाजा ईडी ने भी जांच की और 2 साल पहले यानी साल 2021 में ईडी ने गौरव डालमिया के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट यानी पीएमएलए एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी. संजय शेरपुरिया ने ईडी में चल रही इसी जांच में गौरव डालमिया को बचाने के लिए 6 करोड़ की रकम ली थी.
शुरुआती पूछताछ में संजय शेरपुरिया ने कहा कि गौरव डालमिया ने 6 करोड़ की रकम उसकी संस्था में मदद और सामाजिक कार्य के नाम पर दिए थे, जिसका पूरा लेखा-जोखा है, लेकिन यही 6 करोड़ के लेनदेन का मामला संजय शेरपुरिया को जेल भिजवाने का कारण तो बना ही. साथ ही वह भी अब ईडी की रडार पर आ गया है.
संजय शेरपुरिया पर भी ईडी पीएमएलए एक्ट के तहत अलग मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में है. ईडी को संजय शेरपुरिया के गाजीपुर स्थित आवास से लेकर अहमदाबाद में उसकी कंपनी के दफ्तर में तक तमाम ऐसे सुबूत मिले हैं, जिसके बाद आशंका बढ़ गई है कि अब संजय शेरपुरिया के ऊपर भी पीएमएलए एक्ट के तहत अलग केस दर्ज हो सकता है.
संतोष शर्मा