समाजवादी पार्टी, कांग्रेस साथ मिलकर लड़ेंगे, हम किसी को लाभ नहीं दे सकते: अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश उपचुनाव पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस विपक्ष में हैं. हम किसी को कोई लाभ नहीं दे सकते. यह हमारी रणनीति का हिस्सा है कि हम साथ मिलकर लड़ रहे हैं.

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अखिलेश यादव (फाइल फोटो) अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 25 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST

उत्तर प्रदेश उपचुनाव पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और सांसद अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस विपक्ष में हैं. हम किसी को कोई लाभ नहीं दे सकते. यह हमारी रणनीति का हिस्सा है कि हम साथ मिलकर लड़ रहे हैं, सिर्फ अभी नहीं, हम भारत गठबंधन को मजबूत करेंगे और 2027 में भी उन्हें (बीजेपी को) हराने का काम करेंगे.

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वहीं, महाराष्ट्र चुनाव पर अखिलेश यादव ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी हारने वाली है, बीजेपी का गठबंधन हारने वाला है, महा-हार होने वाली है. बीजेपी के 'बटोगे तो काटोगे नारे पर अखिलेश ने कहा कि जब बीजेपी के पास बेरोजगारी, महंगाई, सीमा सुरक्षा, आंतरिक सुरक्षा, अग्निवीर, आरक्षण, संविधान पर कोई जवाब नहीं है, तो यह उनकी लैब में इस तरह से तैयार किया जाता है. हमें पता लगाना होगा कि उनकी लैब कहां है. यह उनकी रिसर्च लैब का नारा है. और उसी रिसर्च लैब ने यह नारा दिया और कहा कि यह हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के चेहरे पर सबसे अच्छा लगेगा. सपा नेता ने कहा कि पीडीए की रणनीति खराब नारों का मुकाबला करेगी.

सभी 9 सीटों पर सपा के सिंबल पर लड़ेंगे गठबंधन के प्रत्याशी
13 नवंबर को यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. अखिलेश यादव ने घोषणा की है कि सभी 9 सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवार सपा के पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे. हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबी पोस्ट के जरिए अखिलेश यादव ने इसका ऐलान किया. सपा प्रमुख का ये ऐलान इसलिए अहम है क्योंकि सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस और सपा में लंबे समय से खींचतान देखी जा रही है. ऐसे में अखिलेश यादव के इस ऐलान के आखिर क्या मायने हैं?

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दरअसल, आशंका जताई जा रही थी कि मन मुताबिक सीटें न मिलने की वजह से कांग्रेस पार्टी ने उपचुनाव को लड़ने से इनकार कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी हारी हुई हुई सीट पर दांव नहीं लगाना चाहती थी. अखिलेश यादव ने कांग्रेस के लिए गाजियाबाद और खैर की सीट छोड़ी थी, जिसे सभी राजनीतिक जानकार और कांग्रेस पार्टी भी ऐसी सीट मान रही थी जिसे जीतना लगभग नामुमकिन था क्योंकि भाजपा पिछले कई बार से इन दोनों सीटों को जीतती आ रही थी.

इन 9 सीटों पर होना है उपचुनाव
दरअसल, यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव होना था, उनमें मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, अयोध्या की मिल्कीपुर, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट शामिल हैं. हालांकि अभी सिर्फ 9 सीटों पर उपचुनाव घोषित हुए हैं. मिल्कीपुर सीट पर तारीख का ऐलान नहीं हुआ है.

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