बेटे से मुलाकात के ठीक बाद थम गईं पिता की सांसें, सदमे में टूटा पूरा परिवार

लखनऊ जिला जेल में बंद बेटे से मुलाकात के बाद गोंडा निवासी राजेश निगम की अचानक तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. परिजनों के मुताबिक बेटे के जेल जाने के बाद से वह गहरे मानसिक तनाव में थे. घटना के बाद जेल में बंद बेटा विकास फूट-फूटकर रो पड़ा. पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है, रिपोर्ट के बाद मौत की वजह स्पष्ट होगी.

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लखनऊ जेल में बेटे से मिलने के बाद पिता की मौत हो गई (File Photo) लखनऊ जेल में बेटे से मिलने के बाद पिता की मौत हो गई (File Photo)

अंकित मिश्रा

  • लखनऊ,
  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:19 PM IST

जिला जेल के बाहर दोपहर जो हुआ, वह किसी एक परिवार की नहीं, बल्कि उस पीड़ा की कहानी है, जिसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है. जेल में बंद बेटे से मुलाकात कर बाहर निकले एक पिता की अचानक तबीयत बिगड़ी और कुछ ही देर में उनकी सांसें थम गईं. बेटे की गिरफ्तारी के बाद से मानसिक तनाव झेल रहे पिता की मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है.

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गोंडा जिले के करनैलगंज थाना क्षेत्र स्थित खतरीपुर चचेरी गांव निवासी 50 वर्षीय राजेश निगम बुधवार सुबह एक उम्मीद के साथ लखनऊ पहुंचे थे. उनके साथ दामाद महेश भी थे. राजेश का बेटा विकास निगम लखनऊ जिला जेल में बंद है. पिता को लंबे समय से बेटे से मिलने की बेचैनी थी. बुधवार को जब मुलाकात की अनुमति मिली, तो वे सुबह ही घर से निकल पड़े. जेल के अंदर पिता और बेटे की मुलाकात करीब तय समय तक चली. परिजनों के मुताबिक, बातचीत के दौरान राजेश कई बार भावुक हो गए थे. बेटे की हालत, उसकी परेशानियां और भविष्य की चिंता सब कुछ उनके चेहरे पर साफ झलक रहा था. किसी को अंदाजा नहीं था कि यह मुलाकात उनके जीवन की आखिरी मुलाकात साबित होगी.

जेल से बाहर निकलते ही बिगड़ी तबीयत

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दोपहर करीब 12:30 बजे मुलाकात समाप्त हुई. राजेश निगम जैसे ही जेल परिसर से बाहर आए, अचानक उन्हें घबराहट और बेचैनी महसूस होने लगी. पहले तो उन्होंने इसे सामान्य थकान समझकर नजरअंदाज किया, लेकिन कुछ कदम चलते ही हालत और बिगड़ गई. सांस तेज हो गई, सिर चकराने लगा. राजेश जेल परिसर के पास बने प्रतीक्षालय तक पहुंचे और वहां रखी पत्थर की बेंच पर बैठ गए. आसपास मौजूद लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही उनकी हालत और खराब हो गई. कुछ ही मिनटों में उन्हें चक्कर आया और वे बेंच पर ही लेट गए. यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई.

जेल प्रशासन ने दिखाई तत्परता, लेकिन बच नहीं सकी जान

हालत बिगड़ती देख जेलकर्मियों ने तुरंत वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी. बिना समय गंवाए जेल प्रशासन की ओर से एम्बुलेंस बुलाई गई. राजेश निगम को तत्काल गोसाईंगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. रास्ते भर उनके साथ दामाद महेश और जेलकर्मी मौजूद रहे. हालांकि, अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों के इस शब्द के साथ ही मानो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. दामाद महेश अस्पताल परिसर में ही फूट-फूटकर रो पड़े. कुछ देर के लिए किसी को समझ ही नहीं आया कि आखिर यह सब इतनी जल्दी कैसे हो गया.

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बेटे की गिरफ्तारी के बाद से तनाव में थे पिता

परिजनों ने बताया कि बेटे के जेल जाने के बाद से राजेश निगम पूरी तरह बदल गए थे. वे पहले मेहनती मजदूर थे और रोज काम पर जाया करते थे, लेकिन पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया था. कई दिनों से वे काम पर भी नहीं जा रहे थे. रातों की नींद उड़ चुकी थी और हर वक्त बेटे की चिंता सताती रहती थी. राजेश अपने बेटे विकास के साथ लखनऊ के तकरोही इलाके में किराए के कमरे में रहकर मजदूरी करते थे. बेटे की गिरफ्तारी के बाद घर की जिम्मेदारियां और चिंता दोनों उनके कंधों पर आ गई थीं.

पिता की मौत की खबर से जेल में टूटा बेटा

जब राजेश निगम की मौत की खबर जेल के अंदर विकास तक पहुंची, तो वह खुद को संभाल नहीं पाया. बताया जा रहा है कि बैरक में ही वह फूट-फूटकर रो पड़ा. पिता से कुछ देर पहले हुई मुलाकात उसकी आंखों के सामने घूमने लगी. अन्य बंदियों और जेल स्टाफ ने उसे ढांढस बंधाने की कोशिश की, लेकिन बेटे के लिए यह सदमा असहनीय था. पिता की मौत ने विकास को भीतर तक तोड़ दिया है. जेल प्रशासन ने भी मानवीय संवेदना दिखाते हुए उसकी स्थिति पर नजर रखी और आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई.

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलेगा मौत का राज

घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की स्पष्ट वजह सामने आ सकेगी. प्रारंभिक तौर पर हार्ट अटैक या अत्यधिक मानसिक तनाव को वजह माना जा रहा है, लेकिन इसकी पुष्टि मेडिकल रिपोर्ट के बाद ही होगी.

गोंडा से लखनऊ पहुंचे परिजन, मातम में डूबा परिवार

मौत की खबर मिलते ही राजेश निगम की पत्नी ऊषा निगम, तीन बेटियां और अन्य परिजन गोंडा से लखनऊ जिला अस्पताल पहुंचे. अस्पताल परिसर में मातम का माहौल था. पत्नी ऊषा निगम बार-बार बेहोश हो जा रही थीं. बेटियां पिता की तस्वीर सीने से लगाकर रोती रहीं. पूरे परिवार पर जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो. परिजनों का कहना है कि राजेश परिवार की रीढ़ थे. मेहनत-मजदूरी कर उन्होंने परिवार को संभाला, बच्चों को पाला और मुश्किल हालात में भी कभी हार नहीं मानी. लेकिन बेटे की गिरफ्तारी का सदमा वे भीतर तक सह नहीं पाए.

जेल प्रशासन का बयान

जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक आरके जायसवाल ने बताया कि मुलाकात के बाद एक व्यक्ति की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली थी. जेल प्रशासन ने तुरंत एम्बुलेंस की व्यवस्था कर उन्हें अस्पताल भेजा, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से हर संभव त्वरित सहायता दी गई.

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