उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के आसपास करीब 170 भेड़ों की रहस्यमयी मौत ने प्रशासन और आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है.यह घटना उस वक्त सामने आई, जब इलाके में कुछ दिनों पहले एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था.अचानक बड़ी संख्या में भेड़ों की मौत से इलाके में सनसनी फैल गई और पशु क्रूरता या लापरवाही की आशंका जताई जा रही है.
मामले को लेकर मड़ियांव थाने में एक लिखित शिकायत दी गई है.‘आसरा द हेल्पिंग हैंड्स ट्रस्ट’ नामक एनजीओ की संस्थापक चारु खरे ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के आसपास चरने वाली करीब 170 भेड़ों की अचानक मौत हो गई.उन्होंने आशंका जताई कि भेड़ों ने या तो किसी जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया या फिर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उन्हें जहर दिया गया हो सकता है.
चारु खरे ने इस घटना को बेहद गंभीर और संवेदनशील बताते हुए मांग की है कि मृत भेड़ों का पोस्टमार्टम कराया जाए, ताकि मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सके.उन्होंने कहा कि यदि जांच में किसी तरह की लापरवाही या जानबूझकर जहर देने की पुष्टि होती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि उनकी संस्था जांच में हर संभव सहयोग करेगी.
मड़ियांव थाने के एसएचओ शिवानंद मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और मृत भेड़ों के नमूने पोस्टमार्टम और लैब जांच के लिए भेजे गए हैं.रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मौत किसी बीमारी, विषाक्त पदार्थ या अन्य कारणों से हुई है.
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.साथ ही मृत भेड़ों के मालिकों को प्रति भेड़ 10,000 रुपये मुआवजा देने की घोषणा भी की गई है.घटना के बाद पशुपालकों और पशु प्रेमियों में भारी रोष है.लोगों का कहना है कि राजधानी जैसे शहर में इस तरह की घटना प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है.
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