वायरलेस जैमर और बूस्टर/रिपीटर्स का निजी इस्तेमाल करने वालों को झटका लगा है. भारत सरकार ने इसको लेकर एक एडवाइजरी जारी की है. दूरसंचार विभाग (DoT) और संचार मंत्रालय की ओर से पब्लिक के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है.
इस एडवाइजरी में वायरलेस जैमर और बूस्टर/रिपीटर्स के प्रोपर यूज के बारे में बताया गया है. इसमें बताया गया है कि किसी भी सेलुलर सिंगल जैमर, GPS ब्लॉकर या दूसरे सिग्नल जैमिंग डिवाइस का भारत सरकार की इजाजत के बगैर यूज करना गैर-कानूनी है.
भारत संचार मंत्रालय के अनुसार, प्राइवेट सेक्टर ऑर्गेनाइजेशन या निजी व्यक्ति जैमर का इस्तेमाल देश में नहीं कर सकते हैं. निजी तौर पर इन डिवाइस की खरीद-बिक्री भी नहीं की जा सकती है. ये भी कहा गया है कि इसको एडवरटाइज, सेल, डिस्ट्रीब्यूट, इम्पोर्ट या सिग्नल जैमिंग डिवाइस की मार्केटिंग करना अवैध है.
भारत सरकार की ओर परमिशन मिलने के बाद इन डिवाइस का इस्तेमाल किया जा सकता है. सिग्नल बूस्टर या रिपीटर्स को लेकर कहा गया है कि इसकी सेल, मोबाइल सिग्नल रिपीटर/बूस्टर का यूज कोई निजी व्यक्ति या संस्था नहीं कर सकता है. इसका यूज केवल लाइसेंस टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ही कर सकते हैं.
क्या है मोबाइल सिग्नल बूस्टर?
सेलफोन के सिग्नल रिसेप्शन को इम्प्रूव करने के लिए मोबाइल सिग्नल बूस्टर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अनऑथोराइज्ड यूज से पब्लिक टेलीकम्युनिकेशन सर्विस प्रभावित हो सकती है. इससे इमरजेंसी सर्विस में भी दिक्कत आ सकती है.
कौन यूज कर सकते हैं जैमर्स?
केवल राज्य, यूटी, डिफेंस फोर्स और सेंट्रल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन भारत सरकार की अनुमति वाले मॉडल का यूज कर सकती हैं. एग्जाम लेने वाली बॉडी भी अप्रूव्ड जैमर्स के मॉडल का इस्तेमाल कर सकती है. हालांकि, इसके लिए उन्हें परमिशन की जरूरत होगी.
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