भारत सरकार की डिजिटल स्ट्राइक! पिछले 7 साल में इतने हजार वेबसाइट्स ब्लॉक, जानें वजह

Websites Blocked: भारत सरकार ने हजारों वेबसाइट्स और पोस्ट को पिछले सात साल में ब्लॉक किया है. इन वेबसाइट्स पर IT ACT के सेक्शन 69A के तहत कार्रवाई की गई. इसके अलावा कॉपीराइट उल्लंघन और दूसरे मामलों की वजह से भी कई वेबसाइट्स बंद किए गए. यहां पर आपको इसकी पूरी डिटेल्स बता रहे हैं.

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7 साल में हजारों वेबसाइट्स बंद 7 साल में हजारों वेबसाइट्स बंद

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 4:53 PM IST

भारत सरकार ने साल 2015 से 2022 के बीच हजारों वेबसाइट और पोस्ट पर कार्रवाई की है. इस दौरान 55,580 वेबसाइट्स/पोस्ट ब्लॉक किए गए. इसको लेकर सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर या SFLC ने जानकारी दी है. 

रिपोर्ट में बताया गया है कि 7 साल के दौरान भारत सरकार ने 55,580 वेबसाइट्स, सोशल मीडिया पोस्ट और अकाउंट्स को ब्लॉक किया है. ज्यादातर वेबसाइट्स आईटी एक्ट के सेक्शन 69A के तहत बंद किए गए हैं. इसमें 26,474 URL (47.6 परसेंट) आईटी एक्ट के सेक्शन 69A के तहत ब्लॉक किए गए. 

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जबकि 46.8 परसेंट वेबसाइट्स को कॉपीराइट उल्लंघन और दूसरे मामलों में बंद किया गया है. बाकी दूसरी वेबसाइट्स को पोर्नोग्राफी और चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज की वजह से बंद किया गया. MEITY ने 26,352 वेबसाइट्स को बंद किया है जबकि 94 वेबसाइट्स को MIB ने ब्लॉक किया है. 

मोबाइल ऐप्स पर भी कार्रवाई

पिछले दो साल में MEITY ने 274 मोबाइल ऐप्स भी बंद किए हैं. इन ऐप्स को भी आईटी के सेक्शन 69A के तहत बंद किए गए. इन ऐप्स को ब्लॉक करने के पीछे वजह बताई गई कि ये यूजर्स के डेटा चुराते थे और इसको देश से बाहर के सर्वर भेजते थे. इन वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का तीसरा बड़ा कारण CSAM या चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल और पोर्नोग्राफी है.

इस आधार पर साल 2015 से 2022 के बीच 1065 वेबसाइट्स को ब्लॉक किया गया. आपको बता दें कि सेक्शन 69A के तहत भारत की संप्रभुता और अखंडता, रक्षा, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था में खलल पहुंचाने वाले ऐप्स या वेबसाइट्स को ब्लॉक किया जाता है. 

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कैसे होती है कोई वेबसाइट ब्लॉक? 

भारत में वेबसाइट डिफेमेशन, पब्लिक डिसऑर्डर, लॉ एंड ऑर्डर और कंटेम्पट ऑफ कोर्ट के कारण भी ब्लॉक किए गए हैं. भारत में वेबसाइट को ब्लॉक करने के लिए DNS टेम्परिंग, HTTP ब्लॉकिंग, TCP/IP ब्लॉकिंग, TLS-SNI ब्लॉकिंग और QUIC नेटवर्क ब्लॉकिंग का इस्तेमाल किया जाता है. 

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