2022 Tech की दुनिया के लिए बहुत ही दिलचस्प रहा. 2022 में दुनिया की कई बड़ी Tech कंपनियों में लोगों की नौकरियाँ गयी, देश में 5G नेटवर्क रोल आउट हुआ, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में अज़ब गज़ब प्रयोग हुए, ऐसी अनेक ख़बरों ने Tech की दुनिया में माहौल गरम रखा. तो ऐसी ही गरम ख़बरों में से हमारे Techies ने उन 10 ख़बरों को चुना है जिनका आपकी जिंदगी पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष असर ज़रूर पड़ा है. तो वो 10 खबरें कौन सी थी -
- एलोन मास्क की ट्विटर डील :
इस साल अप्रैल में एलोन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर को 44 बिलियन डॉलर में खरीदने की घोषणा की थी. फिर मस्क ने ही एलान किया कि वो इस डील से बहार आ रहें है. उन्होंने इसका कारण ट्विटर के द्वारा फ़र्ज़ी एकाउंट्स की सही डिटेल्स न देना बताया था. लेकिन फाइनली अक्टूबर में मस्क ने ट्विटर को खरीद ही लिया. उसके बाद एक CEO के रोल में मस्क के बहुत सारे अज़ीबोगरीब फैसलें लिए और उन फैसलों को अच्छी और बुरी, दोनों तरह की प्रतिक्रियाएं भी मिली.
- दुनिया की बड़ी Tech कंपनियों में बड़े स्तर पर छंटनी होना :
दुनिया पर मंदी (Recession) का खतरा बढ़ने के साथ ही बड़ी-बड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर शुरू हो गया था. इस मामले में टेक कंपनियां सबसे आगे नजर आईं. मेटा जैसी दिग्गज कंपनियों में Layoff की सुनामी देखने को मिली, तो भारत में भी एचसीएल टेक जैसी बड़ी कंपनियों ने सैकड़ों कर्मचारियों बाहर का रास्ता दिखाया. ट्विटर ने भी अपनी वर्क फ़ोर्स में पचास फ़ीसदी लोगो को नौकरी से निकाल दिया था. लेकिन सभी Tech कंपनियों को इतने बड़े स्तर पर लोगों को बाहर करने की जरुरत क्यों पड़ी और क्या ऐसा किये बगैर भी काम चलाया जा सकता था? सुनिए हमारे Techies की राय.
- देश में 5G नेटवर्क की शुरुआत :
1 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 5G सर्विस को लांच किया था. इसके बाद दिवाली से देश के आठ प्रमुख शहरों दिल्ली, वाराणसी, बैंगुलरु, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, सिलिगुरी और हैदराबाद में लोगों को 5G नेटवर्क मिलना शुरू हो गया था. देश के तीन बड़े नेटवर्क प्रोवाइडर जिओ, एयरटेल और वोडाफोन ने इसी साल हुए 5G ऑक्शन में स्पेक्ट्रम खरीदें थे और फिर 5G सेवा की शुरुआत की थी. लेकिन क्या 5G नेटवर्क अभी दुरुस्त तरीकें से काम कर रहा है और इसके साथ में किस तरह की दिक्कतें है? सुनिए.
- देश में डिजिटल करेंसी की शुरुआत :
क्रिप्टोकरेंसी कितनी सुरक्षित है और कितनी ख़तरनाक, ऐसे सवालों के बीच देश में एक दिसंबर से 1 दिसंबर से डिजिटल इंडिया के एक नए दौर की शुरुआत हुई थी. इस दिन से RBI ने देश में डिजिटल करेंसी के ट्रायल की शुरुआत की थी. शुरु में इस सर्विस को चार शहरों- नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में लॉन्च किया गया है और देश के चार बड़े बैंक्स स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, Yes बैंक और IDFC First बैंक पहले फेज के ट्रायल में शामिल हुए. ये डिजिटल करेंसी काम कैसे करती है और ये UPI से कैसे अलग है, ऐसे ही ज़रूरी सवालों के जवाब सुनिए.
- देश में iPhone के प्रोडक्शन की शुरुआत :
दुनिया की सबसे बड़ी Tech कंपनी Apple ने अपने लेटेस्ट फोन iPhone 14 के लांच के बाद घोषणा की थी कि iPhone 14 का प्रोडक्शन भारत में भी किया जायेगा। आपको बता दें Apple धीरे-धीरे अपनी मैन्युफैक्चरिंग को चीन से भारत में शिफ्ट कर रही है. और इस घोषणा के बाद कंपनी के ताइवानी मैन्युफैक्चर्र कॉन्ट्रैक्टर Pegatron Crop ने भारत में प्रोडक्शन शुरू भी कर दिया है. इससे भारत और Apple यूज़र्स को क्या फ़ायदा होगा, सुनिए.
- बिग डाटा लीक और ब्रीच :
डाटा सिक्योरिटी मॉडर्न दुनिया के लिए एक बहुत बड़ी चिंता है और 2022 ने हमें बहुत सारे मौकें दिए जिसने इस चिंता को सही साबित भी किया. इस साल देश और दुनिया की लगभग सभी Tech कम्पनीज़ से डाटा लीक की ख़बर बाहर आती रही. मेटा, ट्विटर, एप्पल, भारतीय रेल, सैमसंग जैसी कंपनियों के यूज़र्स का डाटा इस साल लीक हुआ जिसे डार्क वेब पर बेचा गया. सवाल ये है कि क्या ये कंपनियां अपने यूज़र्स के डाटा को लेकर गंभीर है और क्या इस तरह के डाटा लीक से बचने के कोई तरीका यूज़र्स के पास है? सुनिए.
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नाम रहा 2022 :
आपकी आवाज़ से आपकी बीमारी का पता चल सकता है, इंसान कब मरने वाला है ये पता चल जायेगा, अपने दिमाग में चिप लगा कर आप बिना हाथ हिलाएं आप कुछ भी कर सकते है. ये कुछ ऐसे प्रयोग थे जो साल 2022 में सामने आए. आपने ध्यान दिया होगा कि आप किसी क्यूज़ीन, किसी ड्रेस या किसी सामान का नाम लेते है और ये सभी चीजें कुछ देर में आपकी स्क्रीन पर दिखने लगती है. ये सब मुमकिन हो पाया है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की वजह से. AI की दुनिया में हमारे लिए और क्या है, सुनिए.
- मेटावर्स; अर्श से फर्श तक :
पिछले साल फेसबुक फाउंडर मार्क ज़ुकेरबर्ग ने फेसबुक का नाम बदल आकर मेटा कर दिया था और तब उन्होंने अनाउंस किया था कि उनकी कंपनी मेटावर्स पर फोकस करेगी. ज़ुकेरबर्ग ने इसके बाद एक एक करके बहुत सारें प्रोडक्ट लांच करें. लेकिन उन प्रोडक्ट्स को मार्किट में वैसी प्रतिक्रिया नहीं मिलीं जैसी उन्हें उम्मीद थी. मेटा ने इस साल अपने 11000 कर्मचारियों को नौकरी से बहार भी निकल दिया था. तो मेटा से कहा चूंक हुई, सुनिए.
- आम आदमी तक इलेक्ट्रिक व्हीकल की पहुँच:
ग्लोबल वार्मिंग और उसके साइड इफेक्ट्स से परेशान दुनिया इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर एक उम्मीद भरी निगानों से देख रही है. ऑटो कंपनियां भी एक के बाद एक नए नए मॉडल लांच कर रही है. इसी बीच इलेक्ट्रिक स्कूटर्स ने भी आम आदमी के बीच एक ख़ास जगह बना ली है. इस साल इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की सेल में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा देखा गया. तो इलेक्ट्रिक व्हीकल का फ्यूचर कैसा होगा, सुनिए.
- क्रिप्टोकरेन्सी का अंत :
Cryptocurrency को लेकर अभी ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है. लेकिन, पिछले साल ये हॉट-टॉपिक बना हुआ था. इसकी वजह से काफी लोगों को अमीर बनने का भी मौका मिला. हालांकि, कई लोग अपनी जमा-पूंजी क्रिप्टो में लगाकर कंगाल भी हो गए. देश में क्रिप्टोकरेन्सी के ट्रेड को हतोत्साहित करने के लिए इस पर अलग अलग तरह के टैक्स लगाए गए. ग्लोबली भी क्रिप्टो को लेकर माहौल ठंडा ही रहा. इन सबका ये परिणाम हुआ की लगभग सभी क्रिप्टोकरेन्सी अपने अब तक के सबसे काम भाव पर आ गयी है. तो क्या भविष्य में क्रिप्टो के लिए कुछ बचा है? सुनिए.
कपिल देव सिंह