यूपी फर्जी प्रमाणपत्र मामला: पार्ट टाइम टीचर्स की नियुक्ति पर रोक

उत्तर प्रदेश में नौकरी के लिए फर्जी प्रमाणपत्र देने वाले 46 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद फिलहाल राज्य परियोजना कार्यालय ने पार्ट टाइम टीचर्स नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

उत्तर प्रदेश में नौकरी के लिए फर्जी प्रमाणपत्र देने वाले 46 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद फिलहाल राज्य परियोजना कार्यालय ने पार्ट टाइम टीचर्स नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. कार्यालय ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से सुनिश्चित करने को कहा है कि जिन नए कैंडिडेट्स का पार्ट टाइम टीचर्स के पद पर चयन हुआ है, उनमें से किसी की भी अगले आदेश तक नियुक्ति नहीं की जाए.

कार्यालय निदेशक शीतल वर्मा की ओर से जारी पत्र में बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि पार्ट टाइम टीचर्स को नियुक्ति पत्र जारी करने के संबंध में नए दिशानिर्देश दिए जाएंगे.

इससे पहले बेसिक शिक्षा विभाग ने नियुक्ति पत्र जारी कर भर्ती प्रक्रिया 30 अप्रैल तक पूरी करने का निर्देश दिया था. खीरी के बेसिक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश राय ने शीतल वर्मा का पत्र मिलने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि अगले आदेश तक नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है.

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इससे पहले पुलिस सूत्रों ने पाया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश राय ने जूनियर हाईस्कूल स्तर के स्कूलों में पार्ट टाइम अनुदेशक के पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन के साथ फिजिकल एजुकेशन में स्नातक (बीपीएड) की फर्जी डिग्री संलग्न करने के आरोप में 46 कैंडिडेट्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

राय ने बताया कि जूनियर हाईस्कूल स्तरीय स्कूलों में पार्ट टाइम अनुदेशक पदों पर भर्ती के लिये आवेदन करने वाले सम्बन्धित कैंडिडेट्स की बीपीएड डिग्रियों को लखनउ यूनिवर्सिटी में वैरीफिकेशन के लिये भेजा गया था. यूनिवर्सिटी ने लखीमपुर खीरी जिला प्रशासन को लिखे पत्र में उनमें से 46 डिग्रियों को फर्जी बताया था. उसके बाद सम्बन्धित कैंडिडेट्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया.
इनपुट भाषा से

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