बचत पर कम होता जा रहा मुनाफा! सीनियर सिटीजन की बढ़ेगी मुश्किल

एफडी पर ब्याज दर कटौती का सबसे अधिक नुकसान सीनियर सिटीजन का होता है. दरअसल, ये वर्ग एफडी की ब्याज आय पर निर्भर रहता है.

Advertisement
बचत योजनाओं की ब्याज दर कम हो रही हैं  बचत योजनाओं की ब्याज दर कम हो रही हैं

दीपक कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 1:46 PM IST

  • कर्ज हुआ सस्ता लेकिन बचत खाते पर चली कैंची
  • स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दर में भी कटौती

बीते कुछ समय से इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए कर्ज सस्ते हुए हैं लेकिन इसके साथ ही बैंक की एफडी, ईपीएफ और छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दरें कम हुई हैं. इसका नुकसान उन लोगों को हो रहा है जो ज्यादा मुनाफे की उम्मीद में निवेश करते हैं. इनमें से अधिकतर योजनाओं में सीनियर सिटीजन सुरक्षित आय के लिए निवेश करते हैं, ऐसे में परेशानी बढ़ सकती है.

Advertisement

फिक्स्ड डिपॉजिट

अधिकतर लोग सुरक्षित निवेश और आकर्षक ब्याज के लिए बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट करते हैं. लेकिन बीते कुछ समय से फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दर में लगातार कटौती हो रही है. सरकारी या निजी बैंक, लगभग सभी ने फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज पर कैंची चलाई है. अगर एसबीआई की बात करें तो हाल ही में 2 करोड़ रुपये से कम की रिटेल एफडी पर ब्याज दरें 0.50 फीसदी तक घटा दी हैं. ये एक माह के भीतर दूसरी बार कटौती हुई है. एफडी पर ब्याज दर कटौती का सबसे अधिक नुकसान सीनियर सिटीजन का होता है. दरअसल, ये वर्ग एफडी की ब्याज आय पर निर्भर रहता है.

सेविंग अकाउंट

इसी तरह, बैंकों की ओर से सभी तरह के सेविंग अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दर को भी कम किया जा रहा है. हाल ही में देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने सभी बचत खातों पर ब्याज दर को तीन प्रतिशत से घटाकर 2.75 प्रतिशत वार्षिक करने की घोषणा की है. कुछ ​दिन पहले ही निजी क्षेत्र के दिग्गज आईसीआईसीआई बैंक ने भी बचत खाते की ब्याज पर कैंची चलाई है.

Advertisement

स्मॉल सेविंग स्कीम

हाल ही में केंद्र सरकार ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दर घटा दी है. सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दर में 0.70 फीसदी से 1.40 फीसदी तक की कटौती कर दी है. यह घटी हुई ब्याज दर अप्रैल-जून 2020 की तिमाही के लिए लागू होगी. बता दें कि स्मॉल सेविंग स्कीम्स से देश का एक बहुत बड़ा वर्ग जुड़ा है.

प्रोविडेंट फंड

नौकरीपेशा शख्स के लिए ईपीएफ का पैसा बचत का सबसे बड़ा जरिया होता है. इस बचत पर सरकार की ओर से आकर्षक ब्याज दिया जाता है. लेकिन बीते महीने यानी मार्च में सरकार ने ईपीएफओ के ब्याज दरों में कटौती का ऐलान कर दिया. इसके तहत वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.50 फीसदी ब्याज मिलेगा. ये 7 साल में सबसे कम ब्याज है. इससे एक साल पहले यानी वित्तीय वर्ष 2018-19 में ब्याज की दर 8.65 फीसदी थी.

ये पढ़ें—रिजर्व बैंक के फैसले के बाद मन में उठे 10 अहम सवालों के जवाब

बचत योजनाएं क्यों हैं पसंद?

जानकारों की मानें तो अधिकतर लोग बचत योजनाओं में सिर्फ ब्याज दर की वजह से आकर्षित होते हैं. वहीं कुछ बचत योजनाएं ऐसी भी हैं जो मुनाफे के साथ टैक्स छूट भी देती हैं. लेकिन अगर ब्याज दरों में कटौती होती रही तो लोगों के मन में निराशा का भाव आ सकता है.

Advertisement

बता दें कि सरकार ने इस साल बजट में एक वैकल्पिक टैक्स स्लैब की शुरुआत की है. हालांकि, नए टैक्स स्लैब में टैक्स की दर कम लगेगी लेकिन इसमें कोई छूट नहीं मिलेगी. वहीं पुराने टैक्स स्लैब में पहले की तरह ही नियम लागू रहेंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement