राजस्थान के एक अस्पताल में हुई भारी लापरवाही, आपस में बदल गए दो शव

अलवर के एक अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है. जहां पर लाश की अदला-बदली हो गई और अंतिम संस्कार भी कर दिया गया.

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मृतक पप्पू राम प्रजापत के परिजन (Photo Aajtak) मृतक पप्पू राम प्रजापत के परिजन (Photo Aajtak)

संतोष शर्मा

  • अलवर ,
  • 06 मई 2020,
  • अपडेटेड 11:25 PM IST

  • अलवर में लाश बदलने से मचा हड़कंप
  • अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा

राजस्थान के अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. 3 मई (रविवार) को पप्पू राम प्रजापत सांस की तकलीफ के चलते अस्पताल में भर्ती हुए और उसी दिन उनकी मौत हो गई. रात का वक्त होने के कारण अस्पताल प्रशासन ने अगले दिन शव देने की बात कही और कहा कि मृतक को संदिग्ध कोरोना मानते हुए उसका कोरोना सैंपल लिया गया और जांच के बाद ही शव दिया जाएगा.

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5 मई (मंगलवार) की शाम मृतक पप्पू राम प्रजापत के परिवार को अस्पताल द्वारा सूचना दी गई कि वह अपने परिजन का शव ले जाएं. कोरोना की जांच भी निगेटिव आई है. लेकिन जब परिजन 6 मई (बुधवार) सुबह 9 बजे अस्पताल की मोर्चरी पहुंचे और आवश्यक कागजों कि खानापूर्ति के बाद मोर्चरी में शव लेने पहुंचे तो देखा कि शव पप्पू प्रजापत की जगह किसी दूसरे का रखा है.

शव की हो गई अदला-बदली

इसकी जानकारी उन्होंने तत्काल अस्पताल प्रशासन को दी तो वहां पर हड़कंप मच गया. फिर मामले की जांच की गई तो पता चला कि मंगलवार को देहरादून से आए एक व्यक्ति को पप्पू प्रजापत का शव दे दिया गया. जैसे ही शव बदलने की बात प्रमुख चिकित्सा अधिकारी सुनील चौहान को पता चली उन्होंने इसकी जांच बिठा दी.

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दरअसल यह मामला तब समझ में आया जब देहरादून का रहने वाला एक शख्स राजमोहन जो अलवर में ही पिछले 15 से 20 साल से घरेलू नौकर के रूप में काम करता था. उसका भी निधन हो गया था और उस की डेड बॉडी भी मोर्चरी में ही रखी गई थी. इसके बाद उसके परिजन देहरादून से आए और राजमोहन की जगह पप्पू राम प्रजापत का शव उठाकर ले गए. लॉकडाउन की वजह से शव को देहरादून ले जाने के बजाय अलवर के भूरा सिद्द श्मशान घाट पर ही अंतिम संस्कार भी करके चले गए.

अंतिम संस्कार भी कर दिया

अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही की वजह से पप्पू राम प्रजापत का शव राजमोहन के परिजनों को दे दिया गया. उसके परिजनों द्वारा अलवर में ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि पुलिस की मौजूदगी में राजमोहन के परिजनों ने शव को पहचाना और उसके बाद अंतिम संस्कार करने ले गए. लेकिन पप्पू राम प्रजापत के परिजनों का आरोप है कि प्रबंधन की लापरवाही से शव की अदला बदली हुई.

अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही

बताया जा रहा है कि राजमोहन पिछले एक दशक से अधिक समय से अपने घर नहीं गया था और उसका बेटा ही उसकी डेड बॉडी को नहीं पहचान पाया. पप्पू राम प्रजापत के बेटे सोनू प्रजापत कहते हैं कि प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया अब उन्हें उनके पिता का शव चाहिए.

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मामले की जांच की जा रही है

वहीं अस्पताल के पीएमओ डॉ सुनील चौहान ने कहा कि पूरे मामले में जांच बिठाई गई है. दो वरिष्ठ चिकित्सकों को जांच दी गई है और राजमोहन के परिजनों को भी बुलाया गया है. पुलिस की तरफ से ही पोस्टमार्टम की कार्रवाई कराई जाती है और पुलिस ही शव को परिजनों को सौंपती है.

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