सिब्बल ने चेताया, मोदी के 'निष्ठावान' अफसरों पर हमारी नजर, सरकारें तो आती-जाती हैं

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने राफेल डील को लेकर सीएजी राजीव महर्षि पर गंभीर आरोप लगाया. सिब्बल ने कहा कि अगर इस रिपोर्ट को राजीव महर्षि पेश करते हैं तो यह एक और बड़ा घोटाला होगा.

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कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कई आरोप लगाए (फोटो-ट्विटर) कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कई आरोप लगाए (फोटो-ट्विटर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 10:21 PM IST

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सीएजी राजीव महर्षि पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राफेल सौदे में राजीव महर्षि खुद की जांच कैसे कर सकते हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल, 2015 में इस डील की घोषणा की थी, तब वह केंद्रीय वित्त (आर्थिक मामलों) सचिव थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जो सीएजी साल 2015 में राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने के इस मामले में बतौर वित्त सचिव शामिल था, वही सीएजी अब रिपोर्ट पेश करेगा. बता दें, राफेल डील पर सीएजी की रिपोर्ट सोमवार को संसद में पेश हो सकती है.

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बता दें, वित्त सचिव के रूप में सेवा देने के बाद राजीव महर्षि को अगस्त, 2015 में केंद्रीय गृह सचिव के रूप में नियुक्त किया गया.  पिछले साल सितंबर में महर्षि ने सीएजी के रूप में कार्यभार संभाला था. सिब्बल ने कहा कि यह हितों के टकराव का एक प्रमुख मुद्दा है. उन्होंने कहा कि उन्हें (राजीव महर्षि) को इस रिपोर्ट को पेश करने से बचना चाहिए. अगर यह संसद में पेश किया जाता है, तो यह एक और बड़ा घोटाला होगा.

कांग्रेस ने महर्षि से कहा कि आप 29 अक्टूबर 2014 से 30 अगस्त 2015 तक वित्त सचिव थे. इसका मतलब है कि 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल विमानों की खरीद की प्रधानमंत्री द्वारा एकतरफा घोषणा के समय आप वित्त सचिव थे. वित्त मंत्रालय के प्रतिनिधि यानी कॉस्ट अकाउंट्स सर्विस के सदस्य और वित्तीय सलाहकार भारतीय वार्ता टीम का हिस्सा थे. इसलिए, आप राफेल सौदे की बातचीत में भी शामिल थे. इसलिए आपको राफेल डिल की रिपोर्ट को पेश करने से बचना चाहिए.

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सरकारी अधिकारियों को चेतावनी

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने रविवार को मोदी सरकार के सभी सरकारी अधिकारियों को चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि हम पीएम मोदी के प्रति उनकी अत्यधिक "निष्ठा" की निगरानी कर रहे हैं. सरकारें तो आती जाती रहती हैं.

मीडिया से बात करते हुए सिब्बल ने कहा कि अधिकारियों को पता होना चाहिए कि चुनाव आते हैं और जाते हैं, कभी-कभी हम विपक्ष में होते हैं और कभी-कभी हम सत्ताधारी पार्टी होते हैं. हम सभी सरकारी अधिकारियों पर नज़र रखेंगे जो उत्साही हैं और पीएम मोदी को निष्ठा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि संविधान किसी भी चीज से बड़ा है.

पिछले कई महीनों से कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने समय-समय पर मोदी सरकार पर भारत के लोकतांत्रिक ढांचे और सीबीआई, आरबीआई, सुप्रीम कोर्ट जैसी संवैधानिक संस्थाओं को नष्ट करने का आरोप लगाया है. रविवार को सिब्बल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में राज्यपाल के कार्यालय, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और मीडिया सहित कई संस्थानों पर हमला हो रहा है.

नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट (एनजीएमए) में दिग्गज अभिनेता-निर्देशक अमोल पालेकर के भाषण पर विवाद पर बोलते हुए सिब्बल ने कहा कि किसी पर देशद्रोह के आरोप लगाए जा रहे हैं, किसी को बोलने से रोका गया है. यह नया भारत है. देश बदल रहा है. ऐसे ही 'अच्छे दिन' का वादा मोदीजी ने किया था.

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