देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री केवडिया में थे, जहां उन्होंने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि दी. पीएम मोदी ने इस दौरान देश की एकता, विविधता, कई भाषा, बोली का जिक्र किया और कहा कि यही देश की शान है. साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विवाद का भी जिक्र किया और कहा कि अगर सरदार इसे हैंडल करते तो इतना विवाद नहीं होता.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 ने एक अस्थाई दीवार बना रखी थी, जिसने कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा दिया. पीएम ने कहा कि आज सरदार साहब को मैं हिसाब दे रहा हूं, सरदार साहब आपका जो सपना अधूरा था वो दीवार ढहा दी गई है. उन्होंने कहा कि कभी सरदार पटेल ने कहा था कि अगर कश्मीर का मसला उनके पास होता तो उसे सुलझने में देर नहीं लगती.
पीएम मोदी ने कहा कि सरदार के आशीर्वाद से हमने जम्मू-कश्मीर से 370 को हटाया. घाटी में आतंकवाद ने 40 हजार लोगों की जान ले ली, 370 से कश्मीर को सिर्फ आतंकवाद मिला था. पूरे देश में जम्मू-कश्मीर में ही अनुच्छेद 370 थी और सिर्फ वहां पर ही आतंकवाद पैर पसार रहा था.
'संसद ने सरदार को दी श्रद्धांजलि'
पीएम मोदी बोले कि देश की संसद ने 5 अगस्त को फैसला लेकर सरदार साहब को श्रद्धांजलि दी. आज से ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नए इतिहास की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. पीएम ने कहा कि अब क्षेत्र के आधार पर शिकायतें खत्म होंगी और कश्मीर में विकास के नए युग का आरंभ होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब सरकार गिराने का खेल नहीं होगा और राजनीतिक स्थिरता आएगी. वहां पर नई व्यवस्था सिर्फ जमीन पर लकीर खींचने के लिए नहीं है, बल्कि विश्वास की कड़ी बनाने के लिए सार्थक प्रारंभ है. इसी की कामना सरदार पटेल ने की थी, हम देश की एकता पर होने वाले हर हमले को मुंहतोड़ जवाब देंगे. देश की एकता को तोड़ने के प्रयास को सहा नहीं जाएगा.
सरदार ने ही दिया एकता का संदेश
यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘सरदार पटेल के विचारों में देश की एकता को हर व्यक्ति महसूस कर सकता है. आज हम उनकी आवाज़ को सबसे बड़ी प्रतिमा के नीचे सुन रहे हैं. आज यहां आकर मुझे काफी शांति मिली है.’ उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने 500 रियासतों को एक करने का काम किया,
पीएम मोदी ने कहा, ‘किसानों से मिले लोहे, क्षेत्रों की मिट्टी से इस प्रतिमा का निर्माण हुआ है. ये मूर्ति विविधता में एकता की जीवन प्रतीक है. ठीक एक साल पहले दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का देश को समर्पित किया गया था, आज ये प्रतिमा पूरे विश्व को आकर्षित कर रही है.’
अपने संबोधन में पीएम मोदी बोले कि एकता हमारे सपनों का सिंबल है, इसी के लिए राष्ट्रीय एकता दौड़ का आयोजन किया जा रहा है. भारत की पहचान अलग है, भारत की विशेषता विविधता में एकता है, यही हमारी पहचान है. देश में इसका जश्न मनाया जाता है. हमें अपने देश की अनेक बोलियों, भाषाओं पर गर्व है. यही एक भारत-श्रेष्ठ भारत की पहचान है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में कई धर्म, आस्थाओं के बारे में बताया और गुरु नानक देव, एपीजे अब्दुल कलाम, गुरु गोविंद सिंह, महात्मा गांधी समेत अन्य महापुरुषों के योगदान को सलाम किया. उन्होंने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी किसी प्रतियोगिता में जीतता है तो देश का तिरंगा ही ऊपर जाता है और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक खुशी मनाई जाती है.
उन्होंने कहा कि हमेशा याद रखना होगा कि शताब्दियों पहले, तमाम रियासतों को साथ लेकर, एक भारत का सपना लेकर, राष्ट्र के पुनुरुद्धार का सफल प्रयास चाणक्य ने किया था. चाणक्य के बाद अगर ये काम कोई कर पाया तो वो सरदार पटेल ही थे. आज विश्व मंच पर हमारा प्रभाव और सदभाव, दोनों बढ़ रहा है, तो उसका कारण हमारी एकता है. आज पूरी दुनिया, भारत की बात गंभीरता से सुनती है, तो उसका कारण हमारी एकता है, आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत है, तो उसका कारण, हमारी एकता है.
aajtak.in