संसद से निकाली गईं सरिता गिरी की चेतावनी- बांग्लादेश जैसी न हो जाए नेपाल की हालत

संसद की कार्यवाही शुरू होते ही बाहर निकलीं सरिता गिरी ने पत्रकारों से कहा कि इस सदन में एक महिला का अपमान किया गया है. उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई है. विपक्ष की बातों को अनसुना किया जा रहा है.

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नेपाल की संसद (PTI फोटो) नेपाल की संसद (PTI फोटो)

सुजीत झा

  • पटना,
  • 13 जून 2020,
  • अपडेटेड 11:58 PM IST

  • विपक्ष की बातों को अनसुना किया जा रहा है- सरिता गिरि
  • सरिता बोलीं- सदन में एक महिला का अपमान किया गया

नए नक्शे को लेकर सरकार के संविधान संशोधन का विरोध कर रही नेपाल की एक महिला सांसद को सदन में बोलने तक नहीं दिया गया है. उन्हें शनिवार को सदन से बाहर निकलने पर मजबूर किया गया तो बाहर आकर उन्होंने अपना आक्रोश व्यक्त किया.

संसद की कार्यवाही शुरू होते ही बाहर निकलीं सांसद सरिता गिरी ने पत्रकारों से कहा कि इस सदन में एक महिला का अपमान किया गया है. उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई है. विपक्ष की बातों को अनसुना किया जा रहा है.

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गिरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि नेपाल में जो बर्ताव उनके साथ किया जा रहा है उससे नेपाल की हालत बांग्लादेश जैसी हो सकती है. महिलाओं को अपमान करने के कारण ही बांग्लादेश का जन्म हुआ था. उन्होंने कहा कि जब जातीय भावना में राष्ट्रीयता को मिलाया जाता है और किसी असहमत पक्ष के ऊपर आक्रमण किया जाता है तो इसका परिणाम राष्ट्रीय एकता के लिए ठीक नहीं निकलता है.

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शुरू से ही विरोध करती रही हैं सरिता गिरि

सरिता गिरि शुरुआत से ही नेपाल सरकार के इस कदम का खुलकर विरोध कर रही हैं. सांसद ने खुलेआम संविधान संशोधन का विरोध किया था. सरकार द्वारा नए नक्शे को संविधान का हिस्सा बनाने के लिए लाए गए संविधान संशोधन प्रस्ताव पर अपना अलग से संशोधन प्रस्ताव डालते हुए जनता समाजवादी पार्टी की सांसद सरिता गिरि ने इसे खारिज करने की मांग की थी.

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नक्शे को मिली संसद में मंजूरी-

नेपाल की संसद में विवादित नक्शे में संशोधन का प्रस्ताव पास हो गया है. नए नक्शे में भारत के तीनों हिस्से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को शामिल किया गया है. 275 सदस्यों वाली नेपाली संसद में इस विवादित बिल के पक्ष में 258 वोट पड़े.

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