350 साल पहले अपनाया था इस्लाम, अब दफनाने की परंपरा छोड़ फिर बने हिंदू

एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद शव को दफनाने वाली 350 साल की परंपरा को छोड़ हिंदू रीति रिवाज से उनके शव को जलाया गया है. इससे पहले इन तीसों परिवार के लोग मरने के बाद शरीर को दफनाया करते थे.

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सांकेतिक तस्वीर (File Photo) सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

aajtak.in

  • हिसार,
  • 09 मई 2020,
  • अपडेटेड 9:15 PM IST

  • हिसार में 30 से ज्यादा परिवारों ने अपनाया हिंदू धर्म
  • 350 साल पुरानी परंपरा को छोड़कर शव को जलाया

हरियाणा के हिसार जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां 350 साल पुरानी परंपरा को छोड़कर शव को दफनाने की बजाय जलाकर उसका अंतिम संस्कार किया गया है. आश्चर्य की बात यह है कि परिवार वालों का कहना है कि औरंगजेब की वजह से उनके बुजुर्गों ने इस्लाम धर्म अपनाया था.

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दरअसल, यह मामला हरियाणा के हिसार जिले के बिठमड़ा गांव का है, यहां शव को दफनाने वाली 350 साल की परंपरा को छोड़ एक बुजुर्ग महिला फुल्ली देवी की मौत के बाद हिंदू रीति रिवाज से उनके शव को जलाया गया है. इससे पहले यहां तीस परिवार के लोग मरने के बाद शरीर को दफनाया करते थे. इसके साथ ही उन्होंने अब फिर से हिंदू धर्म अपना लिया है.

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बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार के समय गांव के सभी लोग मौजूद थे. लोगों का कहना है कि अतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज के साथ किया गया है. लोगों ने बताया कि बिना किसी दबाव के और अपनी इच्छा से यह अपना रहे हैं. बुजुर्ग महिला के परिजनों सतबीर और मंजीत ने बताया कि पहले शवों को दफनाया जाता था और ये लगभग 350 साल से किया जाता रहा है.

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इन लोगों का कहना है कि औरंगजेब के समय से उनके बुजर्गों ने इस्लाम धर्म अपनाया हुआ था. लेकिन अब बिना किसी दबाव में घर वापसी की है. अब उन्होंने दफनाने की परंपरा को भी बदल दिया है.

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ये सभी लोग डूम जाति से संबंध रखते हैं. अंतिम संस्कार के समय गांव में इन सभी के परिवार उपस्थित थे. कुल मिलाकर 30 परिवारों ने फिर से हिंदू धर्म अपनाया है.

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