महाराष्ट्र के बुलडाणा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां के वरवंड गांव में सरकारी आर्युवेदिक अस्पताल में कुछ मरीजों को एक्सपायर दवाई दे दी, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई है. बताया जा रहा है कि करीब 10 से 12 मरीज़ों को एक्सपायर डेट वाली दवाई दी गई थी, जिसमें से 3 की हालत खराब है.
बुलढाणा जिला परिषद के अंतर्गत चल रहे वरवंड के आयुर्वेदिक अस्पताल में प्रभारी रूप से कार्यरत डॉ. सुरेंद्र सरदार ने आयरन की "टोनेक्स" नामक सिरप 10 से 12 मरीजों को दी थी.
इस दवाई का मैन्यूफेक्चर फरवरी 2013 था जिसे 3 वर्ष तक इस्तेमाल की अनुमति थी, अर्थात फरवरी 2016 में ये दवाई उपयोग योग्य नहीं रही थी. इसके बावजूद भी सरकारी अस्पताल में बेझिझक इस दवाई को मरीजों में बांटा जा रहा था. फिलहाल एक्सपाइरी दवाई लेने वाली तीनों महिलाओं पर उपचार चल रहा है.
वरवंड के ग्रामीणों ने अस्पताल की जानलेवा व्यवस्था से गुस्से में आकर गांव के अस्पताल को ताला जड़ दिया. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शिवाजी पवार से बात करने पर उन्होंने बताया कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जो दोषी पाया जाएगा उसपर कार्रवाई की जाएगी.
पंकज खेळकर