बीमार खजाने को शराब और पेट्रोल-डीजल की बैसाखी

प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल के दामों में क्रमश: दो और एक रु. की वृद्धि को कैबिनेट ने मंजूरी दी है तो प्रति बोतल देशी शराब के दाम में 5 रु. की वृद्धि का फैसला भी कैबिनेट ने लिया है. विदेशी शराब (कोनामी) 180 एमएल तक 10 रु. 500 एमएल तक 20 रु. व 500 एमएल से अधिक 30 रु. महंगी होगी.

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फोटो साभार-इंडिया टुडे फोटो साभार-इंडिया टुडे

आशीष मिश्र

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  • 06 मई 2020,
  • अपडेटेड 9:07 PM IST

कोरोना संक्रमण के प्रकोप के कारण हुए लॉकडाउन में बुरी तरह घट चुकी प्रदेश सरकार की आमदनी की भरपाई करने के लिए शराब और पेट्रोल डीजल का सहारा लिया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पांच कालीदास मार्ग से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट की मीटिंग की.

कैबिनेट ने देशी और अंग्रेजी शराब के साथ-साथ पेट्रोल और डीजल के दामों में भी वृद्धि को मंजूरी दी. डीजल और पेट्रोल के दामों में वृद्धि से सरकार को 2070 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी. इस क्रम में प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल के दामों में क्रमश: दो और एक रुपये की वृद्धि को कैबिनेट ने मंजूरी दी है. इस वृद्धि के बाद उप्र में पेट्रोल 71.91 पैसे की जगह 73.91 रुपये व डीजल 62.86 पैसे की जगह 63.86 रुपये प्रति लीटर के भाव मिलेगा१ इस वृद्धि से सरकार को 2350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा. बढ़ी दरें आज रात 12 बजे से लागू हो जाएगी.

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इसी क्रम में प्रति बोतल देशी शराब के दाम में 5 रुपये की वृद्धि का फैसला भी कैबिनेट ने लिया है. विदेशी शराब (कोनामी) 180 एमएल तक 10 रुपये, 500 एमएल तक 20 रुपये व 500 एमएल से अधिक 30 रुपये महंगी होगी. रेगुलर 180 एमएल तक 20 रुपये, 500 एमएल तक 30 रुपये और 500 एमएल से अधिक 50 रुपये महंगी होगी. विदेशी शराब प्रीमियम 180 एमएल तक 100 रुपये, 500 एमएल तक 200 रुपये और 500 एमएल से अधिक 400 रुपये महंगी होगी. इससे 2359 करोड़ रुपये का फायदा होगा.

कोरोना वारियर्स (चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिस कर्मी आदि) की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कड़ा कानून बनाया है. कैबिनेट की बैठक में उत्तर प्रदेश लोकस्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश-2020 को कैबिनेट ने मंजूरी दी है. नए कानून के तहत स्वास्थ्य कर्मियों, पैरा मेडिकल कर्मियों, पुलिस कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन द्वारा तैनात किसी भी कोरोना वारियर्स पर किये गये हमले या बदसलूकी पर छह माह से लेकर सात साल तक की सजा का प्रावधान, 50 हजार से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना देय होगा.

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यही नहीं कोरोना वारियर्स पर थूकने, किसी तरह की गंदगी फेंकने और क्वारंटीन के दौरान आइसोलेशन तोड़ने और इनके खिलाफ हमले या बदसलूकी के लिए भड़काने वाले पर भी कड़ी कार्रवाई होगी. इसके लिए दो से पांच वर्ष तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक के जुर्माने के प्रावधान को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है. कुल मिलाकर कैबिनेट ने 10 प्रस्तावों को मंजूरी दी है. इसमें पेट्रोल और डीजल और हर तरह के शराब के दामों में वृद्धि के फैसले भी शामिल हैं.

इन प्रावधानों को भी कैबिनेट से मिली मंजूरी

• क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना दस हजार से एक लाख तक का होगा.

• अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक वर्ष से तीन वर्ष सजा और जुर्माना दस हजार रुपए से लेकर एक लाख तक होगा.

• अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और जुर्माना 50 हजार से एक लाख रुपये तक के जुर्माने और लॉक डाउन तोड़ने, इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है.

• अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो उसे 1 से लेकर 3 वर्ष की सजा हो सकती है, और 50 हजार रुपये से एक लाख तक का जुर्माना देय होगा.

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• अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करता है तो उसके लिए एक से 3 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है.

• नए अध्यादेश में सरकार ने कोरोना पर नियंत्रण और इलाज के लिए दो प्राधिकरणों के गठन का भी फैसला हुआ है. इस क्रम में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा। इसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे. इसके अलावा डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण का भी गठन होगा.

• राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों में समन्वय स्थापित करेगा.

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