नीति शास्त्र के महान ज्ञाता रहे आचार्य चाणक्य ने जीवन की परेशानियों से बचने के लिए चाणक्य नीति में अनेकों नीतियों का उल्लेख किया है. इसमें एक श्लोक के माध्यम से वो बताते हैं कि तीन चीजें हमारे पास हों तो धरती पर ही स्वर्ग के सुख की अनुभूति हो सकती है. आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में...
यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी।
विभवे यश्च सन्तुष्टस्तस्य स्वर्ग इहैव हि।।
चाणक्य अपने नीति शास्त्र यानी चाणक्य नीति के दूसरे अध्याय में लिखे इस श्लोक के माध्यम से बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की संतान उसकी बातों को, उसकी आज्ञा का पालन करती है और माता-पिता का सम्मान करती है तो माता-पिता के लिए ऐसी स्थिति किसी स्वर्ग से कम नहीं होती. वहीं, अगर संतान माता-पिता की बातों को अनसुना करके उनका अपमान करे तो उनका जीवन नर्क के समान हो जाता है.
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चाणक्य के मुताबिक भार्या यानी व्यक्ति की पत्नी अगर सहयोगी और बातों को सुनने व समझने वाली है तो व्यक्ति हमेशा खुश रहता है. वहीं, पत्नी अगर पति का कहना न माने तो विवाद उत्पन्न होते हैं और फिर दोनों का जीवन कठिन हो जाता है.
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श्लोक के अंत में चाणक्य कहते हैं कि संस्कारी संतान और बात मानने वाली पत्नी के साथ व्यक्ति के पास पर्याप्त धन हो तो उसे धरती पर ही स्वर्ग की अनुभूति होती है. परिवार हमेशा सुखी रहता है.
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