सैटेलाइट तस्वीरें क्या दिखाती हैं?
पिछले दो हफ्तों की ताजा सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि भारत की गोगरा पोस्ट के सामने PLA के अधिकतर टेंट्स हटा दिए गए हैं.
लेकिन उनमें से कुछ अभी भी शेष हैं. वहां वैरीफिकेशन के लिए कुछ सैनिक ठहरे हो सकते हैं, जैसा कि चीनी सरकार से जुड़े सूत्र चीनी इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स पर दावा कर रहे हैं.
हालांकि गोगरा के उत्तर-पश्चिम में स्थित क्षेत्रों से चीनी सैनिक अभी पीछे नहीं हटे हैं, जैसा कि 13 जुलाई की तस्वीरों से दिख रहा है.
इस लोकेशन पर घुसपैठ अब भी करीब 90 प्रतिशत बरकरार है, जो भारतीय पोस्ट से 10-15 किलोमीटर उत्तर में है.
मई में PLA ने कैसे उल्लंघन किया?
चीनी सेना PLA मई 2020 के आखिरी हफ्ते में पूर्वी लद्दाख के चार क्षेत्रों में घुसपैठ को लेकर कटघरे में है.
याद करें कि, 25-29 मई के बीच चीनी सैनिकों ने भारत के गोगरा पोस्ट के सामने के क्षेत्रों या हॉट स्प्रिंग्स में तेजी से मूव किया. उन्होंने वहां टेंट लगाकर लाल तिरपाल से कवर कर लिया. ये खनिजों की प्रचुरता वाला जोन है.
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PLA ने फिर 1.5 किमी पश्चिम की ओर बढ़ना शुरू किया और संकरे रास्ते पर 40-50 टेंट लाइन में लगा दिए.गोगरा पोस्ट के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र
चीनी सेना नियमित रूप से चीनी क्लेम लाइन से पार जाकर पेट्रोलिंग करती रही है, जो कि उस हिस्से में LAC भी है.
उनकी पेट्रोलिंग टीम ने शायद उस क्षेत्र में भारतीय सैनिकों की हल्की मौजूदगी को नोटिस किया हो, जहां चीनियों ने 2016 के बाद से सड़क निर्माण की शुरुआत की थी.
जाहिर है भारतीय सेना ने इस सड़क निर्माण को चुनौती दी और उसे रोका. ये मुद्दा लगातार बॉर्डर मीटिंग्स में उठता रहा.
लेकिन, इस साल मई में चीन करीब 1.5 किमी तक अंदर घुस आया. भारत ने चीन के साथ अब तक हुई लगभग सभी बैठकों में इन घटनाओं पर आपत्ति जताई है.
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(कर्नल विनायक भट (रिटायर्ड) इंडिया टुडे के लिए एक कंसल्टेंट हैं. वे सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषक हैं. उन्होंने 33 वर्षों तक भारतीय सेना में सेवा की)
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