भारत-चीन वार्ता के ताजा राउंड के बीच आकाश से कैसे दिख रहे विवादित क्षेत्र

लद्दाख में LAC से सैनिकों के पीछे हटने को लेकर भारतीय और चीनी सैन्य कमांडर चौथे दौर की वार्ता में प्रवेश कर चुके हैं, जबकि दूसरी तरफ सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से पता चलता है कि तनाव कम करने की दिशा में अब तक दोनों देशों ने क्या हासिल किया है.

Advertisement
LAC पर तनाव कम करने को लेकर दोनों देशों में बातचीत का सिलसिला जारी (सांकेतिक-GettyImages) LAC पर तनाव कम करने को लेकर दोनों देशों में बातचीत का सिलसिला जारी (सांकेतिक-GettyImages)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 8:01 PM IST

  • गोगरा पोस्ट के सामने PLA के अधिकतर टेंट्स हटे
  • लेकिन उत्तर-पश्चिम में चीनी अभी पीछे नहीं हटे हैं
  • मई में चीन करीब 1.5 किमी तक अंदर तक घुसा
एक तरफ भारतीय और चीनी सैन्य कमांडर लद्दाख में LAC से सैनिकों के पीछे हटने को लेकर चौथे दौर की वार्ता में प्रवेश कर चुके हैं, वहीं दूसरी तरफ सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से पता चलता है कि तनाव कम करने की दिशा में दोनों देशों ने क्या हासिल किया है और क्या उन्हें अभी करना बाकी है.

सैटेलाइट तस्वीरें क्या दिखाती हैं?

Advertisement

पिछले दो हफ्तों की ताजा सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि भारत की गोगरा पोस्ट के सामने PLA के अधिकतर टेंट्स हटा दिए गए हैं.

लेकिन उनमें से कुछ अभी भी शेष हैं. वहां वैरीफिकेशन के लिए कुछ सैनिक ठहरे हो सकते हैं, जैसा कि चीनी सरकार से जुड़े सूत्र चीनी इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स पर दावा कर रहे हैं.

हालांकि गोगरा के उत्तर-पश्चिम में स्थित क्षेत्रों से चीनी सैनिक अभी पीछे नहीं हटे हैं, जैसा कि 13 जुलाई की तस्वीरों से दिख रहा है.

इस लोकेशन पर घुसपैठ अब भी करीब 90 प्रतिशत बरकरार है, जो भारतीय पोस्ट से 10-15 किलोमीटर उत्तर में है.

मई में PLA ने कैसे उल्लंघन किया?

चीनी सेना PLA मई 2020 के आखिरी हफ्ते में पूर्वी लद्दाख के चार क्षेत्रों में घुसपैठ को लेकर कटघरे में है.

Advertisement

याद करें कि, 25-29 मई के बीच चीनी सैनिकों ने भारत के गोगरा पोस्ट के सामने के क्षेत्रों या हॉट स्प्रिंग्स में तेजी से मूव किया. उन्होंने वहां टेंट लगाकर लाल तिरपाल से कवर कर लिया. ये खनिजों की प्रचुरता वाला जोन है.

इसे भी पढ़ें --- गलवान के बाद पैंगॉन्ग फिंगर-4 से पीछे हटी चीनी सेना, वापस ले गए बोट-बुलडोजर

PLA ने फिर 1.5 किमी पश्चिम की ओर बढ़ना शुरू किया और संकरे रास्ते पर 40-50 टेंट लाइन में लगा दिए.

गोगरा पोस्ट के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र

चीनी सेना नियमित रूप से चीनी क्लेम लाइन से पार जाकर पेट्रोलिंग करती रही है, जो कि उस हिस्से में LAC भी है.

उनकी पेट्रोलिंग टीम ने शायद उस क्षेत्र में भारतीय सैनिकों की हल्की मौजूदगी को नोटिस किया हो, जहां चीनियों ने 2016 के बाद से सड़क निर्माण की शुरुआत की थी.

जाहिर है भारतीय सेना ने इस सड़क निर्माण को चुनौती दी और उसे रोका. ये मुद्दा लगातार बॉर्डर मीटिंग्स में उठता रहा.

लेकिन, इस साल मई में चीन करीब 1.5 किमी तक अंदर घुस आया. भारत ने चीन के साथ अब तक हुई लगभग सभी बैठकों में इन घटनाओं पर आपत्ति जताई है.

इसे भी पढ़ें --- चीन ने दी धमकी: तिब्बत मामले को न छुए भारत, नहीं तो होगा नुकसान

Advertisement

(कर्नल विनायक भट (रिटायर्ड) इंडिया टुडे के लिए एक कंसल्टेंट हैं. वे सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषक हैं. उन्होंने 33 वर्षों तक भारतीय सेना में सेवा की)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement