बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात के कारण ओडिशा से चलने वाली सभी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. इसी कड़ी में रेलवे ने हावड़ा से दिल्ली रूट पर चलने वाली एक एसी स्पेशल ट्रेन को भी कैंसिल कर दिया है.
इससे पहले भुवनेश्वर-दिल्ली-भुवनेश्वर एसी स्पेशल ट्रेन को भी रद्द कर दिया गया था. चक्रवात का खतरा खत्म होने के बाद ये ट्रेनें चल सकेंगी. इधर महाराष्ट्र ने भी चक्रवात के कारण हावड़ा जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को रद्द कर दिया है.
इससे पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी थी कि ओडिशा के लिए चलने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है.
लोहे की चेन से ट्रेन को बांधा
चक्रवाती तुफान के खतरे को देखते हुए रेलवे की ओर से हावड़ा के शालीमार साइडींग मे खड़ी को रोकने के लिए चेन और ताले से बांध कर रखा गया है. लोहे की मोटी चेन, स्कीट और ताला इसलिए लगाया गया है ताकि चक्रवाती तुफान मे तेज हवा के कारण ये ट्रेनें कही पटरी पर बीना इंजन के सरपट न दौड़ने लग जाए.
महाराष्ट्र ने भी ट्रेनों को किया कैंसिल
महाराष्ट्र सरकार ने भी अम्फान के खतरे को देखते हुए पश्चिम बंगाल और ओडिशा को जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है. सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 21 मई तक ये ट्रेनें कैंसिल रहेंगी.
तमिलनाडु के कोयंबटुर में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर ट्रेन का पास लेने के लिए एकत्रित हुए. बताया जा रहा है कि ये सभी मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश जाने वाले हैं.
कोरोना संक्रमण के संकट के समय में भारतीय रेलवे (Indian Railways) श्रमिकों मजदूरों समेत दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को सुरक्षा और सुविधा के साथ उनकी मंजिल तक पहुंचा रहा है. स्क्रीनिंग, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए यात्रियों को ट्रेन से उनके गृहराज्य भेजा जा रहा है.
ऐसे में रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने यात्रियों को राहत देते हुए ट्वीट कर 200 नॉन एसी ट्रेनें चलाने का ऐलान किया है. पीयूष गोयल ने जानकारी दी कि श्रमिकों के लिए बड़ी राहत है, आज के दिन यानी अगले मंगलवार से लगभग 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चल सकेंगी और आगे चलकर ये संख्या बड़े पैमाने पर बढ़ जाएगी.
साथ ही रेल मंत्री ने कहा है कि गुरुवार से 400 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रोज चलेंगी. रेलवे ने इसकी तैयारी भी कर ली है.
UP से 914 ट्रेनों को हरी झंडी, अब तक 8 लाख 52 हजार श्रमिक पहुंचे घर
रेल मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त भारतीय रेलवे 1 जून से टाइम टेबल के अनुसार प्रतिदिन 200 नॉन एसी ट्रेन चलाएगा. जिसकी ऑनलाइन बुकिंग जल्दी ही शुरू होगी. उन्होंने राज्य सरकारों से आग्रह करते हुए कहा कि श्रमिकों की सहायता करें तथा उन्हें नजदीकी मेनलाइन स्टेशन के पास रजिस्टर कर, लिस्ट रेलवे को दें, जिससे रेलवे श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाए. वहीं, श्रमिकों से आग्रह करते हुए कहा कि वो अपने स्थान पर रहें, बहुत जल्द भारतीय रेल उन्हें गंतव्य तक पहुंचाएगा.
अपनी मंजिल तक पहुंचे 20 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिक
रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रेलवे ने 1,595 विशेष श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से 21 लाख से अधिक फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है. गोयल ने ट्वीट में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में रेलवे द्वारा 21 लाख से अधिक कामगारों को 1,595 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन करके उनके घर भेजा जा चुका है. अकेले उत्तर प्रदेश 837, बिहार 428 और मध्य प्रदेश 100 से अधिक ट्रेनों की अनुमति दे चुके हैं.
रेलवे के अधिकारी के मुताबिक इन 1,595 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल, गोवा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे विभिन्न राज्यों से चलाया गया है.
मध्य प्रदेश में अबतक 100 ट्रेनों से एक लाख 34 हजार श्रमिकों की घर वापसी
मध्य प्रदेश के दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों को वापस लाने का सिलसिला जारी है. इसके लिए बस और ट्रेन का सहारा लिया जा रहा है. अब तक 100 ट्रेनों से एक लाख 34 हजार 701 श्रमिक अपने राज्य पहुंच चुके हैं. अपर मुख्य सचिव एवं स्टेट कंट्रोल रूम प्रभारी आईसीपी केशरी ने मंगलवार को बताया कि इन 100 ट्रेनों में मुख्य रूप से रीवा 30, मेघनगर 13, ग्वालियर 9, जबलपुर 6 और छतरपुर 6 ट्रेनें आई हैं. इन 100 ट्रेनों से एक लाख 34 हजार 701 श्रमिकों को राज्य में वापस लाया गया है. उन्होंने बताया कि ट्रेनों के जरिए आए श्रमिकों का रेलवे स्टेशन पर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उसके बाद बसों के जरिए उन्हें उनके गांव तक भेजा गया है.
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