...जब भारत को जीतता देख बेईमानी पर उतरा PAK, मारने लगा बाउंसर पर बाउंसर

पाकिस्तान की टीम जीत के लिए कोई भी दांव आजमाने में आगे रही है. चाहे जैसे भी हो मैच का रुख अपनी ओर मोड़ने के लिए पाकिस्तान की टीम बदनाम रही है.

Advertisement
कप्तान बिशन सिंह बेदी और मुश्ताक मोहम्मद (Getty) कप्तान बिशन सिंह बेदी और मुश्ताक मोहम्मद (Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 9:01 AM IST

  • भारतीय कप्तान ने अपने बल्लेबाजों को वापस बुला लिया
  • ...पाकिस्तानी करतूत से खफा बेदी ने गुस्से में मैच छोड़ा

क्रिकेट की दुनिया में भारत और पाकिस्तान के मुकाबले हमेशा सुर्खियों में रहे हैं. दो चिर प्रतिद्वंद्वियों में टक्कर पर दुनियाभर की नजरें टिकी रहती हैं. पाकिस्तान की टीम जीत के लिए कोई भी दांव आजमाने में आगे रही है. चाहे जैसे भी हो मैच का रुख अपनी ओर मोड़ने के लिए पाकिस्तान की टीम बदनाम रही है. और मैच उसके घर में हो तो फिर क्या कहने!

Advertisement

बात उन दिनों की है, जब भारत ने 1978 में पाकिस्तान का दौर किया था. इस दौरान वनडे सीरीज का आखिरी मैच जीतने के लिए पाकिस्तान की टीम ने ऐसी चाल चली थी, जिसे याद कर आज भी क्रिकेट प्रशंसक हैरान रह जाते हैं. तब नापाक पाकिस्तानी इरादे से खफा भारतीय टीम के कप्तान बेदी बिशन सिंह ने जीत की ओर बढ़ रहे अपने बल्लेबाजों को मैदान से वापस बुला लिया था.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह पहला उदाहरण था, जब किसी कप्तान ने बईमानी पर उतर आई विरोधी टीम को गुस्से में जीत दे दी हो. वनडे मुकाबले में उस वक्त भारत को जीत के लिए 14 गेंदों में 23 रन चाहिए थे और उसके 8 विकेट सुरक्षित थे.

3 नवंबर 1978 को पाकिस्तान के शाहीवाल के जफर अली स्टेडियम में भारत-पाक वनडे सीरीज का तीसरा और निर्णायक मैच खेला गया था. क्वेटा में खेला गया पहला मैच भारत ने जीता था. इसके बाद सियालकोट में पाकिस्तान ने बाजी मारी और सीरीज 1-1 से बराबरी पर थी. आखिरी मैच में अंपायरिंग की जिम्मेदारी जावेद अख्तर और खिजर हयात पर थी. यानी पाकिस्तान के 11 खिलाड़ियों के अलावा दोनों अंपायर भी उनके अपने ही थे.

Advertisement

40 ओवरों के मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरे पाकिस्तान को भारतीय गेंदबाजों ने 205/7 के स्कोर पर रोक दिया था. सुनील गावस्कर की गैरमौजूदगी में चेतन चौहान और अंशुमन गायकवाड़ ने भारत की जवाबी पारी का आगाज किया. दोनों ने बड़े आराम से 44 रन जोड़ लिये. चौहान (23 रन) का विकेट गिरने के बाद उतरे सुरिंदर अमरनाथ (62 रन) ने गायकवाड़ के साथ स्कोर को 163 तक पहुंचा दिया. जीत का लक्ष्य आसान हो चुका था.

गायकवाड़ के साथ गुंडप्पा विश्वनाथ क्रीज पर थे. 38वां ओवर शुरू हुआ और जीत के लिए भारत को महज 23 रनों की जरूरत थी. पाकिस्तान के कप्तान मुश्ताक मोहम्मद परेशान थे. सरफराज नवाज गेंदबाजी करने आए. वह भारतीय बल्लेबाजों को लगातार उकसा रहे थे. और इसके बाद जो भी हुआ वह पाकिस्तानी क्रिकेट को बदनाम कर गया.

सरफराज नवाज ने उस ओवर में लगातार चार बाउंसर फेंके, लेकिन अंपायर ने उनमें से एक को भी वाइड नहीं दिया. पाकिस्तान का प्लान था, निगाहें जमा चुके गायकवाड़ से इतनी दूर गेंद फेंको कि वह मार ही न पाए और उनकी इस स्कीम में पाकिस्तानी अंपायर भी मानो उनके साथ थे. उन दिनों न्यूट्रल अंपायर का दौर शुरू नहीं हुआ था.

सरफराज नवाज

अंशुमन गायकवाड़ vs सरफराज नवाज

Advertisement

लगातार सिर के ऊपर से चार बाउंसर मारे, लेकिन एक भी वाइड नहीं...

1. पहली गेंद. बाउंसर... विकेटकीपर वसीम बारी ने बाकी का काम किया. बल्लेबाज अंपायर की ओर देखता रहा, लेकिन वाइड नहीं.

2. दूसरी गेंद. बाउंसर... पिछली गेंद का ही रीप्ले...अंपायर पर फिर असर नहीं

3. तीसरी गेंद. फिर बाउंसर... उतनी ही ऊंची. लेकिन इस बार भी अंपायर हिले तक नहीं.

4. चौथी गेंद. वो गेंद इतनी ऊंची फेंकी कि 78 रन पर खेल रहे 6 फुट के गायकवाड़ कुछ समझ नहीं पाए.

यानी कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि उन दिनों 'वाइड' का नियम आज की तरह टाइट नहीं था. तभी तो भारतीय बल्लेबाज के सिर के ऊपर से निकल रहे एक के बाद एक बाउंसर पर अंपायर चुपचाप खड़े रहे.

सरफराज ने 37वें ओवर की चौथी गेंद भी जब गायकवाड़ के सिर के ऊपर से निकली तो भारतीय कप्तान बेदी ड्रेसिंग रूम से बाहर निकले और विरोधी कप्तान मुश्ताक मोहम्मद से उनकी बहस हुई. यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों कप्तानों में क्या बात हुई. हां, इसके बाद बेदी ने अपने बल्लेबाजों को वापस बुला लिया.

मुश्ताक भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम के अंदर दाखिल हुए और बेदी से उनके नाबाद बल्लेबाजों को वापस भेजने के लिए कहा. लेकिन कप्तान ने साफ-साफ कह दिया कि भारत इस मैच में आगे नहीं खेलेगा. उन्होंने मुश्ताक पर अपने गेंदबाज को लगातार बाउंसर फेंकने और 'खराब खेल' के लिए इजाजत देने का आरोप लगाया. उन्होंने मैदान पर भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ सरफराज और जावेद मियांदाद के 'अपमानजनक भाषा' के इस्तेमाल के बारे में भी शिकायत की.

Advertisement

आखिरकार मेजबान टीम को उस मैच का विजेता घोषित कर दिया गया. 2-1 से सीरीज पर कब्जा कर पाकिस्तानी टीम अपने घर में खुश हो गई. भारतीय और पाकिस्तानी दोनों मीडिया ने मैच का ये हाल करने के लिए पाकिस्तानी टीम की आलोचना की, कुछ ने यह भी कहा कि बेदी ने ओवररिएक्ट किया था, हालांकि किसी ने अंपायरों का जिक्र नहीं किया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement