कोरोना लॉकडाउन: घर पर बच्चों को कैसे दें बाहर की तरह का माहौल

लॉकडाउन के दौरान बच्चों की पैरेंटिंग और भी मुश्किल हो गई है, लेकिन आपकी एक गलती से बच्चे अवसाद में भी जा सकते हैं. इंडिया टुडे ई-कॉन्क्लेव में चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर शैलजा ने लॉकडाउन में पैरेंटिंग के कई खास तरीके बताए, जिनकी मदद से आप भी अपने बच्चे की अच्छी देखभाल कर सकते हैं.

Advertisement
कोरोना वायरस: घर में बच्चों को रोकने के लिए अपनाएं क्रिएटिव तरीके कोरोना वायरस: घर में बच्चों को रोकने के लिए अपनाएं क्रिएटिव तरीके

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 10:02 PM IST

कोरोना वायरस के प्रकोप ने आम जनजीवन को झकझोर कर रख दिया है. लॉकडाउन में घरों में बंद रहने से लोगों के अवसाद में घिरने का भी खतरा पैदा हो गया. सबसे ज्यादा चिंता बच्चों की देखभाल को लेकर है. बच्चों के लिए घर में बंद रहना सबसे मुश्किल काम है. इस समय बच्चे बाहर जाने और दोस्तों के साथ खेलना बहुत मिस कर रहे हैं.

Advertisement

इस समय छोटे बच्चों को समझाना और उनकी देखभाल करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. इन्हीं सारी मुश्किलों को हल करने के लिए इंडिया टुडे के पहले ई-कॉन्क्लेव में देश की जानी-मानी चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट डॉ.शैलजा सेन शामिल हुईं. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बच्चों की पैरेंटिंग को लेकर कई टिप्स दिए.

बच्चों के मन से दूर करें डर

डॉ. शैलजा ने बताया कि पैरेंट्स के पास खुद की अपनी इतनी समस्याएं होती हैं कि वे बच्चों को नजरअंदाज कर देते हैं. पैरेंट्स ये मान लेते हैं कि उनके बच्चे बिल्कुल ठीक हैं और उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं है. हालांकि, पैरेंट्स को ये बात ध्यान में रखनी चाहिए कि बच्चे घर और आस-पास हो रहे हर बदलाव को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं. ऐसे में बच्चों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए उनसे बातचीत करनी चाहिए और उनके डर को दूर करना चाहिए.

Advertisement

ये भी पढ़ें: घर में इन चीजों से रहें सावधान, जानें कहां छिपा हो सकता है कोरोना

बच्चों के लिए घर में बनाएं माहौल

डॉक्टर शैलजा ने छोटे बच्चों को घर में रोकने के लिए भी टिप्स दिए. उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों को घर में रखने के लिए कुछ खास तरीके अपनाने चाहिए. जैसे कि घर का कोई एक कमरा पूरी तरह खाली कर लें. उस कमरे से सारा फर्नीचर बाहर निकाल लें और उसे खूब सारे खिलौनों से भर दें.

लॉकडाउन में बच्चों को बोर ना होने दें

कुछ खिलौने अलग रखें और हर दिन उसे पुराने खिलौनों के साथ बदलते रहें. इस तरह बच्चे को बोरियत भी नहीं होगी और उसका खेलने में मन भी लगेगा. बच्चों के लिए क्राफ्ट बनाएं. डॉ.शैलजा ने कहा कि लॉकडाउन के समय पैरेंट्स को बच्चों के साथ मैनेज करना सीखना पड़ेगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement