भारत और चीन के बीच विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है. दोनों देशों के सेना अधिकारी लगातार वार्ता कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है. भारत और चीन के बीच कई करार भी हैं, जिसमें दोनों देशों का व्यवसाय भी है. चीनी मूल के भारतीय जॉन की कहानी भी कुछ ऐसी ही है.
जॉन हिमाचल प्रदेश के शिमला में जूतों की दुकान के मालिक हैं. जॉन दोनों देशों के बीच शांति चाहते हैं. जॉन ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, 'मैंने यहां कभी भेदभाव का सामना नहीं किया. मैं एक चीनी से ज्यादा खुद को एक भारतीय महसूस करता हूं. दोनों देशों को शांति से सरकार के स्तर पर इस मुद्दे को सुलझा लेना चाहिए.'
चीन से निपटने के लिए भारत की तैयारियां सिर्फ गोले बारूद और हथियारों की तैनाती से ही नहीं हो रही हैं. भारत अब लद्दाख में सरहद के तमाम इलाकों को कनेक्ट करने, वहां संचार के माध्यमों को चुस्त-दुरुस्त करने में जुटा है. भारत की ये मुहिम भी सैन्य तैयारी जैसी ही है.
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लद्दाख के एग्जिक्यूटिव काउंसलर कुनचोक स्टांजी ने बताया कि लद्दाख के 57 गांवों में तेजी से संचार तंत्र को मजबूत किया जाएगा. इसके लिए आठ साल से कोशिश की जा रही थी. कुनचोक स्टांजी के मुताबिक लेह के लिए 24 मोबाइल टावर की अनुमति मिल गई है, लेकिन अभी 25 और मोबाइल टावर की जरूरत है.
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