नए साल का आगाज होने वाला है और आप एक साल को अलविदा कह कर नए साल की शुभकामनाएं देते हैं. इस दौरान आप अगर किसी को शायरी या किसी कविता के जरिए शुभकामनाएं दें तो उसका अलग ही प्रभाव होता है. साथ ही आप शायरियों को फेसबुक, वॉट्सएप पर स्टेट्स के जरिए भी लोगों को शुभकामनाएं दे सकते हैं. हम आपको कुछ ऐसी शायरियां बता रहे हैं, जिन्हें आप कॉपी करके अपने दोस्तो, परिचित लोगों को भेज सकते हैं.
आज इक और बरस बीत गया उस के बग़ैर
जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे
(अहमद फ़राज़)
अब के बार मिल के यूँ साल-ए-नौ मनाएँगे
रंजिशें भुला कर हम नफ़रतें मिटाएँगे
(अज्ञात)
जानें, 2019 में कैसा रहेगा करियर, किन राशियों को मिलेगी तरक्की
ऐ जाते बरस तुझ को सौंपा ख़ुदा को
मुबारक मुबारक नया साल सब को
(मोहम्मद असदुल्लाह)
चेहरे से झाड़ पिछले बरस की कुदूरतें
दीवार से पुराना कैलन्डर उतार दे
(ज़फ़र इक़बाल)
देखिए पाते हैं उश्शाक़ बुतों से क्या फ़ैज़
इक बरहमन ने कहा है कि ये साल अच्छा है
(मिर्ज़ा ग़ालिब)
2019: जानें-आपकी राशि के लिए कौन सा महीना होगा सबसे लकी
दुल्हन बनी हुई हैं राहें
जश्न मनाओ साल-ए-नौ के
(साहिर लुधियानवी)
एक बरस और बीत गया
कब तक ख़ाक उड़ानी है
(विकास शर्मा राज़)
एक लम्हा लौट कर आया नहीं
ये बरस भी राएगाँ रुख़्सत हुआ
(इनाम नदीम)
इक अजनबी के हाथ में दे कर हमारा हाथ
लो साथ छोड़ने लगा आख़िर ये साल भी
(हफ़ीज़ मेरठी)
न शब ओ रोज़ ही बदले हैं न हाल अच्छा है
किस बरहमन ने कहा था कि ये साल अच्छा है
(अहमद फ़राज़)
पुराने साल की ठिठुरी हुई परछाइयाँ सिमटीं
नए दिन का नया सूरज उफ़ुक़ पर उठता आता है
(अली सरदार जाफ़री)
साल गुज़र जाता है सारा
और कैलन्डर रह जाता है
(सरफ़राज़ ज़ाहिद)
साल-ए-नौ आता है तो महफ़ूज़ कर लेता हूँ मैं
कुछ पुराने से कैलन्डर ज़ेहन की दीवार पर
(आज़ाद गुलाटी)
उम्र का एक और साल गया
वक़्त फिर हम पे ख़ाक डाल गया
(शकील जमाली)
यकुम जनवरी है नया साल है
दिसम्बर में पूछूँगा क्या हाल है
(अमीर क़ज़लबाश)
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