हंदवाड़ा एनकाउंटर में शहीद हुए भारतीय सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी शर्मा ने आजतक को बताया कि एनकाउंटर की रात वो (कर्नल आशुतोष शर्मा) मुझे बताकर नहीं गए. आधी रात को जब मैंने उन्हें मैसेज किया और जब कोई जवाब नहीं आया तभी लगने लगा कि कुछ अच्छा नहीं हुआ है.
शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी शर्मा ने आजतक के साथ खास बातचीत में कहा कि वह हमेशा से जुनूनी रहे और सेना में शामिल होना उनका सपना था. वह 12 बार भारतीय सेना में शामिल होने को लेकर नाकाम रहे. हर बार वह रिटेन क्लीयर कर लेते थे, लेकिन उसके आगे बढ़ नहीं पाते थे. हालांकि अपने 13वें और अंतिम प्रयास में वह कामयाब रहे और एसएसबी क्लीयर कर लिया. वह किसी चीज में पीछे नहीं रहते थे.
सरकार से कुछ नहीं कहनाः पल्लवी शर्मा
एनकाउंटर वाली रात के बारे में पूछे जाने पर पल्लवी शर्मा ने कहा कि उस रात की जानकारी थी. मेरी उनसे बात हुई तो कहा कि वह कहीं और हैं और 2-3 दिन बाद आएंगे. मुझे लग गया कि शायद वो जंगल में हैं. वह जब भी जाते थे बताकर जाते थे, लेकिन इस बार बताकर नहीं गए.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
उन्होंने कहा, 'आधी रात को मैं अच्छा महसूस नहीं कर रह थी क्योंकि जब उन्हें मैसेज किया तो पहुंच तो गया लेकिन पढ़ा नहीं गया. फिर कॉल करने की कोशिश भी की.'
पति की शहादत की खबर कब पता चली, इस पर पल्लवी शर्मा ने कहा कि मुझे सुबह 9 बजे आर्मी प्रोटोकॉल से पता चला. अब मेरे पास बड़ी जिम्मेदारी है. मेरी बेटी, मेरा परिवार और आरआर की जिम्मेदारी है. मेरे घर से एक शहादत हुई है जबकि 5 लोग शहीद हुए हैं. मुझे सबका ख्याल रखना है.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
जिसको चुभता है उसी को समझ में आता हैः पीयूष
शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा के बड़े भाई पीयूष शर्मा ने कहा कि मेरे ख्याल से आतंकवाद कोरोना से भी गंभीर बीमारी है. हालांकि कोरोना ऐसी बीमारी है जो हर जगह पहुंच चुकी है जबकि आतंकवाद सेना की वजह से हर जगह नहीं पहुंच सका है. सेना की वजह से हम सुरक्षित हैं.
उन्होंने कहा कि अब आतंकवाद को खत्म करने का वक्त आ गया है. जिसको चुभता है उसी को समझ में आता है, जबकि बाकी लोग अनुभव कर सकते हैं कि ऐसा हुआ होगा. अब जरूरत है कि हर दल आगे आए और इसके खात्मे की कोशिश करे.
इसे भी पढ़ें--- हंदवाड़ा में शहीद हुए कर्नल की अंतिम विदाई, पत्नी बोलीं- बलिदान पर अफसोस नहीं
जवानों का ख्याल रखते थेः पल्लवी
शहीद आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी शर्मा ने अपने पति को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा कहते थे कि उनके जवान उनके बच्चे हैं और वे सुरक्षित होने चाहिए. वे अच्छे से रहें. उनके खाने-पीने को लेकर कोई दिक्कत न हो और स्वस्थ रहें.
उन्होंने बताया कि वो चाहते थे कि सेना में जितनी छुट्टी मिलती है उतनी छुट्टी सभी को मिले. हमेशा अपने जवानों का ख्याल रखते थे. वह चाहते थे कि उनकी टीम के किसी भी जवान को कोई भी दिक्कत ना हो. उनके जवानों को कुछ ना हो जाए इसलिए वह खुद को आगे रखते थे.
सरकार से कुछ कहना चाहती हैं, इस पर पल्लवी ने कहा, 'नहीं सरकार से कुछ नहीं कहना. पिछले 2 दिन में हर जगह से हमारी बात सुनी जा रही है. मुझे कुछ नहीं कहना. सरकार समझदार है और उसे पता है कि कब क्या करना है.'
क्या लड़ाई की रणनीति सही है, इस पर आशुतोष शर्मा के बड़े भाई पीयूष शर्मा कहते हैं कि हमें लगता है कि लड़ाई सही दिशा में चल रही है. अभी सेना का मनोबल ऊंचा है. हाल में हमने कई बड़े एक्शन लिए हैं. काफी हद तक हम सही रास्ते पर हैं.
हंदवाड़ा एनकाउंटर में हुए शहीद
इससे पहले हंदवाड़ा एनकाउंटर में शहीद हुए सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा को आज मंगलवार को अंतिम विदाई दी गई. शहीद कर्नल आशुतोष जम्मू-कश्मीर में कई मिशन का हिस्सा रहे. शनिवार को उन्होंने हंदवाड़ा में मुठभेड़ के दौरान 2 आतंकियों को मार गिराया था. हालांकि इस दौरान कर्नल आशुतोष समेत 5 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए.
हंदवाड़ा में लश्कर चीफ हैदर को मौत की नींद सुलाने वाले कर्नल आशुतोष शर्मा का पार्थिव शरीर सोमवार को जयपुर पहुंचा. नागरिकों की जान बचाते हुए पाकिस्तान की आतंकी साजिश को नाकाम करने के दौरान 21 राष्ट्रीय राइफल के कर्नल आशुतोष समेत 5 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी शहादत दी थी.
कर्नल की शहादत पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कर्नल आशुतोष शर्मा के बलिदान पर अत्यधिक गर्व है. कर्नल आशुतोष के परिवार के लिए नुकसान उठाना मुश्किल है. मैं उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. कर्नल आशुतोष शर्मा की पत्नी पल्लवी शर्मा ने कहा था कि बलिदान पर मुझे कोई अफसोस नहीं है.
aajtak.in