दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के सेंटर (मरकज) के मौलाना के खिलाफ केजरीवाल सरकार एफआईआर दर्ज कराएगी. तबलीगी जमात के सेंटर से रविवार को दिल्ली के LNJP अस्पताल में 34 लोगों को जांच के लिए लाया गया और सभी कोरोना संक्रमण के संदिग्ध बताए जा रहे हैं. इसमें एक 64 साल के व्यक्ति की मौत हो गई. वो तमिलनाडु का रहने वाला था.
मामले पर दिल्ली सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, देश में 24 मार्च रात 12 बजे लॉकडाउन लागू हुआ. हर होटल, गेस्ट हाउस, हॉस्टल के मालिक और प्रशासक का सामाजिक दूरी बनाए रखने का कर्तव्य था. ऐसा लगता है कि यहां पर सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया गया.
बयान में आगे कहा गया कि अब हमें जानकारी मिली है कि नियमों का उल्लंघन किया गया और कोरोना वायरस के कई पॉजिटिव केस यहां (जमात के मरकज) से सामने आए हैं. जो भी इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
बयान के मुताबिक, इस लापरवाही से कई जीवन खतरे में पड़ गए हैं. लॉकडाउन के दौरान लोगों का इस तरह के जमावड़े से बचना हर नागरिक की जिम्मेदारी थी और यह एक आपराधिक कृत्य के अलावा और कुछ नहीं है.
पूरी दुनिया से आते यहां लोग
तबलीगी जमात का सेंटर होने के चलते देश ही नहीं पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं. इसके बाद उन्हें अलग-अलग समूहों में विभिन्न शहरों और कस्बों की इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए भेजा जाता है. इन्हें इलाकों की चिट दी जाती है जिसमें मस्जिदों का ब्योरा होता है. ये लोग वहां पहुंचते हैं और मस्जिदों में ठहरते हैं.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
कोरोना वायरस के खतरों के बीच इन तबलीगी जमातों के एक शहर से दूसरे शहर में जाने से खतरा और बढ़ गया है. इसी कड़ी में निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के केंद्र में लोग एकजुट हुए थे, जिसके चलते देशभर में लोग चिंतित हो गए हैं.
कार्यक्रम में दुनियाभर के लोग शामिल
तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए ज्यादातर लोग मलेशिया और इंडोनेशिया के नागरिक थे. ये लोग 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच कुआलालंपुर में हुए इस्लामिक उपदेशकों के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद भारत आए थे. दिल्ली में रहने के दौरान ये लोग कई दूसरे लोगों के संपर्क में आए इसलिए अब बाकी लोगों की तलाश हो रही है.
ये लोग उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और अंडमान-निकोबार भी गए. अब जम्मू-कश्मीर और दिल्ली प्रशासन के अलावा तमिलनाडु और तेलंगाना की सरकारें भी उन लोगों की तलाश कर रही हैं, जो तबलीगी जमात के इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे.
राम किंकर सिंह