दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच चल रहे उठापठक में शनिवार को एक दिलचस्प चीज देखने को मिली. एक ही दिन में एक शास्त्री ने कांग्रेस का साथ छोड़ा तो दूसरे शास्त्री पार्टी में शामिल हो गए.
दरअसल, शनिवार को पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री ने कांग्रेस से त्यागपत्र दिया तो कुछ ही देर बाद आदर्श शास्त्री ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया. पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के पोते और दिल्ली विधानसभा की द्वारका सीट से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक, आदर्श शास्त्री ने अरविंद केजरीवाल को झटका देते हुए चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का दामन थाम लिया.
दिल्ली में सत्तारूढ़ आप द्वारा विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिये जाने से नाराज शास्त्री ने आप से नाता तोड़ कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली.
उन्होंने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पी सी चाको की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. बताया जा रहा है कि शास्त्री अब कांग्रेस के टिकट पर द्वारका सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.
आप ने शास्त्री का टिकट काटकर इस सीट से विनय मिश्रा को टिकट दिया है. मिश्रा ने कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ा था. वह कांग्रेस के पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के पुत्र हैं.
योगानंद शास्त्री ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री ने प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के साथ वैचारिक मतभेदों के कारण पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
शास्त्री ने लगाया टिकट बेचने का आरोप
शास्त्री ने दिल्ली विधानसभा के आगामी चुनाव के मद्देनजर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेताओं पर टिकट बेचने का आरोप लगाते हुये कहा, 'प्रदेश कांग्रेस की कमान ऐसे व्यक्ति के पास है जो किसी का सम्मान नहीं करता है और ऐसे लोगों से घिरा है जो विधानसभा चुनाव के टिकट बेचने में लिप्त हैं.'
बताया जा रहा है कि पूर्व विधायक शास्त्री महरौली विधानसभा सीट से इस चुनाव में टिकट नहीं मिलने की आशंका से नाराज चल रहे थे. वह महरौली सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. शीला दीक्षित सरकार में मंत्री रहे शास्त्री, दिल्ली की सत्ता से 2013 में कांग्रेस के बाहर होने तक विधानसभा अध्यक्ष थे.
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