दिल्ली-NCR में फूल रहा दम, मास्क और प्यूरी फायर की मांग बढ़ी

वायु गुणवत्ता सूचकांक पर शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक सामान्य, 201 से 300 के स्तर को खराब, 301 से 400 के स्तर को बहुत खराब और 401 से 500 के स्तर को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है.

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दिल्ली की हवा खराब (फोटो-Reuters) दिल्ली की हवा खराब (फोटो-Reuters)

नयनिका सिंघल / वरुण शैलेश

  • नई दिल्ली,
  • 11 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:20 PM IST

दिवाली के इतने दिनों बाद भी दिल्ली में हवा की स्थिति में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है. मौसम की प्रतिकूल स्थितियों और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने की घटनाओं में उल्लेखनीय बढ़ोतरी के कारण दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'बेहद गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े बताते हैं कि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 423 दर्ज किया गया. शनिवार सुबह दिल्ली में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' दर्ज की गई थी, लेकिन शाम को यह फिर से 'बेहद गंभीर' श्रेणी में चली गई थी.

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सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, रविवार को पीएम2.5 (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम के व्यास के प्रदूषक कण) का स्तर 299 जबकि पीएम10 (हवा में मौजूद 10 माइक्रोमीटर से कम के व्यास के प्रदूषक कण) का स्तर 477 दर्ज किया गया.

वायु गुणवत्ता सूचकांक पर शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को अच्छा, 51 से 100 तक संतोषजनक, 101 से 200 तक सामान्य, 201 से 300 के स्तर को खराब, 301 से 400 के स्तर को बहुत खराब और 401 से 500 के स्तर को गंभीर श्रेणी में रखा जाता है.

एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग में इजाफा

बहरहाल दिल्ली की हवा में कोई सुधार तो नहीं, लेकिन एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में जबरदस्त इजाफा हुआ है. हवा की स्थिति को देखते हुए इस बार लोगों ने अपनी दिवाली शॉपिंग की लिस्ट में 'एयर मास्क' और 'एयर प्यूरीफायर' को भी जोड़ा था.

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गुरुग्राम में मेडिकल शॉप चलाने वाले संगीत सिंह बताते हैं कि भारी मांग की वजह से इस बार मास्क आउट ऑफ स्टॉक हो गया है. पहले महीने में 5 पीस बिक जाते, लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़ गया है.

वहीं केंट आरओ सिस्टम लिमिटेड के चेयरमैन डॉ महेश गुप्ता का कहना है कि पिछले साल तक लोग केवल एयर प्यूरीफायर के मूल्य, उसकी टेक्नोलॉजी और इसकी प्रभावशीलता के बारे में पूछताछ करने आते थे और बिक्री सीमित थी. लेकिन इस साल यह तस्वीर बदल गई है. अब जो लोग दुकान में आ रहे हैं, वे खरीदारी करने के उद्देश्य से ही आ रहे हैं. बिक्री दोगुना हो गई है.

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