कोरोना से ठीक हुए मरीजों से फीडबैक लेगी दिल्ली सरकार, पूछेगी- क्या प्लाज्मा देना चाहेंगे

दिल्ली सरकार प्लाज्मा डोनेशन को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग तरह की कोशिश कर रही है. पिछले हफ्ते दिल्ली में देश के सबसे पहले प्लाज्मा बैंक की शुरुआत हुई थी. प्लाज्मा बैंक का मकसद ऐसे कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी देना है जो गंभीर रूप से कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं.

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो (PTI) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो (PTI)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 12:19 AM IST

  • मरीजों के लिए 'पेशेंट फीडबैक फॉर्म' जारी
  • फॉर्म में 7 सवाल, प्लाज्मा डोनेशन पर रायशुमारी

दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज और बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने तय किया है कि मरीजों के डिस्चार्ज के समय उनका फीडबैक लिया जाए और उनकी प्लाज्मा डोनेशन की इच्छा पूछी जाए.

दिल्ली सरकार ने मरीजों के लिए एक 'पेशेंट फीडबैक फॉर्म' जारी किया है. इस फॉर्म में ठीक होने वाले मरीजों से पूछा जाएगा कि

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1.आपका अनुभव कैसा रहा?

2. अस्पताल में सफाई कैसी थी?

3. खाना कैसा था?

4. डॉक्टर के साथ आपका अनुभव कैसा रहा?

5. आपका ब्लड ग्रुप क्या है

6. आपको कोई पुरानी गंभीर बीमारी तो नहीं

7. क्या आप प्लाज्मा डोनेट करके किसी की जान बचाना चाहेंगे?

माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार प्लाज्मा डोनेशन को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग तरह की कोशिश कर रही है. पिछले हफ्ते दिल्ली में देश के सबसे पहले प्लाज्मा बैंक की शुरुआत हुई थी. प्लाज्मा बैंक का मकसद ऐसे कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी देना है, जो गंभीर रूप से कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं.

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