Chanakya Niti In Hindi: नीतियों के महान ज्ञाता आचार्य चाणक्य ने मानव समाज के कल्याण को ध्यान में रखते हुए नीति ग्रंथ तैयार किया, जिसे चाणक्य नीति कहा गया. इस नीति शास्त्र में मानव जीवन की समस्याओं से निपटने के लिए नीतियों का उल्लेख किया गया है. चाणक्य एक श्लोक के माध्यम से बताते हैं कि मनुष्य को जीवन में सफलता, सुख, समृद्धि प्राप्त करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते हैं उन बातों के बारे में...
क: काल: कानि मित्राणि को देश: कौ व्ययागमौ।
कस्याऽडं का च मे शक्तिरिति चिन्त्यं मुहुर्मुंहु।।
> समय और मित्र को लेकर इस श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को इस बारे में पता होना चाहिए कि उसका समय कैसा चल रहा है. अगर उसके काम लगातार खराब हो रहे हों तो उसे थोड़ा संयम बरतना चाहिए. साथ ही उसे कामयाबी के लिए हमेशा इस बात का ख्याल होना चाहिए उसका सच्चा मित्र कौन है और मित्र के वेश में शत्रु कौन है. इस बारे में जानकारी न होने पर व्यक्ति धोखा खा जाता है और उसे कामयाबी से हाथ धोना पड़ता है.
> चाणक्य कहते हैं रहने की जगह व्यक्ति के सफलता में अहम भूमिका निभाती है. अगर व्यक्ति अपने निवास स्थान के बारे में जानता है और वो जहां काम करता है उस जगह के बारे में, वहां के लोगों के बारे में उसे जानकारी है तो व्यक्ति ज्यादा सावधानी से काम कर पाता है.
> व्यक्ति को इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि उसकी कमाई कितनी है और उसके हिसाब से कितना खर्च करना सही रहेगा. अपनी आमदनी को देखे बगैर आंख बंद करके खर्च करने वाले व्यक्ति कभी सफलता को प्राप्त नहीं कर पाते. एक समय के बाद वो विनाश के रास्ते पर चल पड़ते हैं.
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> व्यक्ति को किसी भी काम की शुरुआत से पहले अपने सामर्थ्य का अहसास होना चाहिए. अपनी शक्ति के परे जाकर काम करने से व्यक्ति विफल हो जाता है और उसके हाथ निराशा ही लगती है. यही कारण है कि चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उसका समय कैसा है? उसके मित्र कौन हैं? स्थान कैसा है? आमदनी और व्यय कितना है और वो कितना शक्तिशाली यानी सामर्थ्यवान है.
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