भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के पितामह कहे जाने वाले आचार्य चाणक्य का नीति शास्त्र इंसान के लिए काफी उपयोगी माना गया है. चाणक्य की नीतियो के बल पर कई राजाओं ने अपना शासन चलाया. इन्हीं नीतियों के बल पर चाणक्य ने चंद्रगुप्त को सम्राट बनाया. चाणक्य को विष्णु गुप्त और कौटिल्य के नाम से भी जाना गया. अपने नीति शास्त्र के एक श्लोक में चाणक्य ने मनुष्य के उन आदतों के बारे में उल्लेख किया है जिसके कारण वो बर्बाद हो जाता है. आइए जानते हैं इन आदतों के बारे में...
अनालोच्य व्ययं कर्ता चानाथ: कलहप्रिय:।
आर्त: स्त्रीहसर्वक्षेत्रेषु नर: शीघ्रं विनश्यति।।
> चाणक्य इस श्लोक में बताते हैं कि व्यक्ति के लिए पैसे का संतुलन बनाए रखना काफी अहम होता है. इंसान के जीवन में सफलता के लिए जरूरी है कि उसे आय और व्यय के संतुलन का पता हो. खर्च और कमाई की समझ नहीं रखने वाले इंसान बर्बाद हो जाते हैं.
> झगड़ालु स्वभाव के लोग खुद ही अपने जीवन को नष्ट कर लेते हैं. ऐसे व्यक्ति हर मौके पर खुद को अकेले पाते हैं और एक समय के बाद बर्बाद हो जाते हैं.
> स्त्रियों के पीछे भागने वाला इंसान बर्बाद हो जाता है. चाणक्य कहते हैं कि ऐसा व्यक्ति हमेशा अपमानित होता रहता है. समाज उसे बुरी नजर से देखता है. ऐसा इंसान खुद के लिए ही सबसे बड़ा मुसीबत हो जाता है.
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> धैर्य को मनुष्य के लिए जरूरी गुणों में शामिल किया गया है. चाणक्य के मुताबिक धैर्यवान व्यक्ति जीवन के सफर में सफलता को प्राप्त करते हैं. लेकिन धैर्य न रखनेवाला व्यक्ति एक समय के बाद नष्ट हो जाता है.
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