ब्रेग्जिट की डेडलाइन बढ़ाए जाने की मांग, बोरिस जॉनसन ने नहीं किया हस्ताक्षर

सांसदों ने प्रधानमंत्री के समझौते पर निर्णय टालने के लिए एक संशोधन के पक्ष में मतदान किया. सांसदों ने जरूरी ब्रितानी कानून पास होने तक लेटविन संशोधन के जरिए ब्रेग्जिट समझौते में देरी के लिए वोट दिया.

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ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन (फाइल फोटो-IANS) ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन (फाइल फोटो-IANS)

लवीना टंडन

  • लंदन,
  • 20 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 4:57 PM IST

  • सांसदों ने समझौते पर निर्णय टालने के लिए संशोधन के पक्ष में वोट किया
  • अगले सप्ताह तक बोरिस जॉनसन के समझौते पर मतदान नहीं हो सकता

ब्रेग्जिट डील को लेकर ब्रिटेन ने डेडलाइन बढ़ाए जाने की मांग की है. हालांकि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इससे जुड़े पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया.

बोरिस जॉनसन के इस पत्र के साथ दो और पत्र हैं. एक पत्र यूरोपीय यूनियन (ईयू) में यूके के स्थाई प्रतिनिधि सर टिम बॉरो का है, जिसमें कहा गया है कि सरकार ब्रेग्जिट डील के विदड्रॉवल एग्रीमेंट के समर्थन के लिए सरकार अगले हफ्ते जरूरी कानून पेश करेगी. दूसरा पत्र यूरोपियन काउंसिल के अध्यक्ष डोनल टस्क को बोरिस जॉनसन की तरफ से भेजा गया है. पत्र में उन्होंने लिखा है, अब यह यूरोपियन काउंसिल पर निर्भर करता है कि एक्सटेंशन के आग्रह पर कब गौर किया  जाएगा.

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गौरतलब है कि ब्रिटेन के सांसदों ने ईयू के साथ प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की सहमति के बाद हुए ब्रेग्जिट समझौते को टालने के पक्ष में शनिवार को मतदान किया. सांसदों ने प्रधानमंत्री के समझौते पर निर्णय टालने के लिए एक संशोधन के पक्ष में मतदान किया. सांसदों ने जरूरी ब्रितानी कानून पास होने तक लेटविन संशोधन के जरिए ब्रेग्जिट समझौते में देरी के लिए वोट दिया. हाउस ऑफ कामंस में लेटविन संशोधन पास होने के बाद पार्लियामेंट स्कवायर में पीपुल्स वोट रैली में लोगों ने गर्मजोशी के साथ फैसले का स्वागत किया.

बोरिस जॉनसन ने हालांकि जोर देकर कहा कि वह ब्रेग्जिट के लिए ईयू से समय बढ़ाने को लेकर गुहार नहीं लगाएंगे, हालांकि सांसदों के इस कदम के बाद वह ब्रग्जिट में और देरी के लिए ईयू से आग्रह करने के लिए बाध्य हैं. इस कदम के बाद संसद में अगले सप्ताह तक जॉनसन के समझौते पर मतदान नहीं हो सकता है.(एजेंसी से इनपुट)

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