कैलाश मानसरोवर के लिंक रोड पर नेपाल की आपत्ति किसी और के इशारे पर: आर्मी चीफ

आर्मी चीफ ने यह बात उस वक्त कही जब वे शुक्रवार को रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) के एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे. आर्मी चीफ ने वहां कहा कि यह मानने की वजह है कि उन्होंने किसी और के इशारे पर इस बात को उठाया होगा. इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है.

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सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (फाइल फोटो: PTI) सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (फाइल फोटो: PTI)

अभि‍षेक भल्ला

  • नई दिल्ली,
  • 15 मई 2020,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

  • आर्मी चीफ ने कहा कि किसी और के इशारे पर नेपाल ने किया विरोध
  • नेपाल ने हाल ही में किया था कैलाश मानसरोवर के लिंक रोड का विरोध

नेपाल ने भारत की ओर से कैलाश मानसरोवर के लिए लिंक रोड के उद्घाटन का विरोध किया था और कहा था कि यह कदम दोनों देशों के बीच समझ के खिलाफ है. बता दें कि कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिथौरागढ़-धारचूला से लिपुलेख को जोड़ने वाली सड़क का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया था. अब इस मामले सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का एक बड़ा बयान सामने आया है. आर्मी चीफ ने संकेत दिया है कि मानसरोवर के रास्ते पर लिपुलेख पास पर बन रही सड़क का विरोध नेपाल चीन के समर्थन पर कर रहा है.

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आर्मी चीफ ने यह बात उस वक्त कही जब वे शुक्रवार को रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) के एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे. आर्मी चीफ ने वहां कहा कि यह मानने की वजह है कि उन्होंने किसी और के इशारे पर इस बात को उठाया होगा. इस बात की संभावना बहुत ज्यादा है. उन्होंने आगे कहा कि हमने जो सड़क बनाई है वह नदी के पश्चिम में है और नदी के पूर्व की जमीन उन लोगों की है. उसमें कोई विवाद ही नहीं है. वो लोग नहीं जानते कि वे किस बार में आंदोलन कर रहे हैं.

आर्मी चीफ ने आगे कहा कि अगर हम वहां से थोड़ा आगे बढ़ते हैं और जहां त्रिकोणी जंक्शन है वहां पहुंचते हैं तो वहां जरूर कुछ छोटी दिक्कतें हैं, अतीत में ऐसी कोई दिक्कत कभी नहीं हुई है. आर्मी चीफ ने इस दौरान चीन के साथ जारी तनातनी को लेकर कहा कि यह केवल एक या दो जगह है जहां ऐसा हुआ है, अन्य जगहों पर सबकुछ सामान्य है. हम इसे केस टू केस बेसिस पर निपटा रहे हैं.

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क्या है मामला

रविवार 10 मई को नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने नेपाली संसद में कहा था कि भारत की ओर से नेपाल के क्षेत्र से होकर लिपुलेख दर्रे तक लिंक रोड का निर्माण दुर्भाग्यपूर्ण है. नेपाल की संसदीय बैठक के दौरान विदेश मंत्री ने कहा था, "यह सड़क निर्माण दोनों देशों के बीच समझ के खिलाफ है और बातचीत के माध्यम से सीमा से संबंधित मुद्दों का हल खोजा जाएगा."

ग्यावली ने विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान को पढ़ते हुए दावा किया था कि लिपुलेख और कालापानी क्षेत्र नेपाल के क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं और भारत के साथ बातचीत के माध्यम से इसे हल किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि नेपाल सरकार संप्रभु समानता के सिद्धांत और राष्ट्र हित को केंद्र में रखकर भारत के साथ सीमा विवादों को हल करना चाहती है.

नेपाल के ऐतराज पर भारत की प्रतिक्रिया

नेपाल के ऐतराज पर भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हमने सड़क के उद्घाटन से संबंधित नेपाल के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी 9 मई 2020 की प्रेस विज्ञप्ति को देखा है. उत्तराखंड राज्य में पिथौरागढ़ जिले में हाल ही में उद्घाटन किया गया सड़क खंड पूरी तरह से भारत के क्षेत्र में स्थित है.

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बयान में कहा गया था कि यह सड़क कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीर्थयात्रियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पहले से मौजूद मार्ग का अनुसरण करती है. वर्तमान परियोजना के तहत, एक ही सड़क को तीर्थयात्रियों, स्थानीय लोगों और व्यापारियों की सुविधा के लिए बनाया गया है.

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