Airtel खास कस्टमर्स को देगा फास्ट 4G, क्या ये नेट न्यूट्रैलिटी के खिलाफ नहीं

Airtel ने हाल ही में प्लैटिनम यूजर्स को फास्ट 4G सहित कुछ और भी सर्विस देने का ऐलान किया है. अब कुछ लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि क्या ये नेट न्यूट्रैलिटी के खिलाफ नहीं है?

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मुन्ज़िर अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST

नेट न्यूट्रैलिटी को लेकर एक बार फिर से आवाज उठनी शुरू हो चुकी है. दरअसल भारतीय टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने नई सर्विस लॉन्च की है जिसकी वजह से एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये नेट न्यूट्रैलिटी का उल्लंघन है.

भारतीय एयरटेल ने अपने प्लैटिनम मोबाइल कस्टमर्स के लिए 'Priority 4G Network' सर्विस पेश की है. प्लैटिनम कस्टमर्स यानी वैसे पोस्टपेड यूजर्स जो हर महीने 499 रुपये या इससे ज्यादा का प्लान यूज करते हैं.

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एयरटेल ने अपने एक स्टेटमेंट में कहा है कि कंपनी ने अपने प्लैटिनम मोबाइल कस्टमर्स को अपने नेटवर्क प्रेफरेंस देगी इसके लिए एयरटेल ने एडवांस्ड टेक्नॉलजी का भी इस्तेमाल किया है.

एयरटेल के मुताबिक कंपनी के प्लैटिनम कस्टमर्स को फास्ट 4G एक्स्पीरिएंस मिलेगा. इसे कंपनी ने एयरटेल थैंक्स प्रोग्राम के तहत लॉन्च किया है जो पोस्टपेड यूजर्स के लिए ही है. यानी 499 रुपये या इससे ज्यादा का प्लान लेने वाले यूजर्स को फास्ट 4G मिलेगा.

एयरटेल ने कहा है कि प्लैटिनम कस्टमर्स के लिए 4G सिम घर पर ही डिलिवर किए जाएंगे. इन यूजर्स को कई और फायदे मिलेंगे.

इनमें ऐप रेड कार्पेट कस्टमर केयर से लेकर कस्टम यूजर इंटरफेस भी लागू है.

इतना ही नहीं प्लैटिनम यूजर्स को डेडिकेटेड स्टाफ अटेंड करेंगे और कस्टमर केयर से बात करने के लिए उनका वेटिंग टाइम भी कम होगा.

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क्या ये नेट न्यूट्रैलिटी का उल्लंघन है?

चूंकि कंपनी ने ये कहा है कि प्लैटिनम कस्टमर्स के लिए एडवांस्ड टेक्नॉलजी लगाई गई है और उन्हें फास्ट 4G दिया जाएगा. इसका मतलब ये है कि एयरटेल के वैसे कस्टमर्स को पोस्टपेड नहीं हैं और वो हर महीने 499 रुपये या इससे ज्यादा का रिचार्ज नहीं करते, उन्हें प्लैटिनम कस्टमर्स के मुकाबले स्लो 4G स्पीड मिलेगी.

एक तरह के कस्टमर्स को हाई स्पीड 4G दे कर कंपनी नेट न्यूट्रैलिटी को लेकर विवादों में आ गई है. डिजिटल कम्यूनिकेशन कमीशन ने नेट न्यूट्रैलिटी को लेकर नियम बनाए हैं. इसमें नियम के मुताबिक टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स कॉन्टेंट और सर्विस को ब्लॉक करके, ज्यादा या कम स्पीड दे कर भेदभाव नहीं कर सकते हैं.

चूंकि एयरटेल ने साफ कहा है कि कंपनी प्लैटिनम यूजर्स को हाई स्पीड 4G देगी, इसका मतलब ये है एक तरह से इंटरनेट स्पीड को लेकर भेदभाव किया जा रहा है. टेलीकॉम रेग्यूलटर TRAI का भी मानना है कि अनुचित भेदभाव नहीं किया जा सकता है.

एयरटेल के सूत्रों ने कहा है कि ये भेदभाव वाला नहीं है, क्योंकि कंपनी फ्री इंटरनेट, एक्स्ट्रा डेटा या ऐप्स को लेकर किसी तरह का फेवर नहीं कर रही है. ये स्टेप लो एंड कस्टमर्स को हायर वैल्यू प्लान मुहय्या कराना है जो एवरेज रेवेन्यू पर यूजर के तहत किया गया लॉन्ग टर्म प्लान है.

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