पिछले 4 वर्षों में, भारत समेत पूरे विश्व में एयरपोर्ट्स पर उड़ान भरने से पहले 171 पायलट को नशे में पकड़ा गया. यह जानकारी इंडिया टुडे द्वारा फाइल की गई RTI के जवाब में सेंट्रल सिविल एविएशन मंत्रालय के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने दी है.
यह आंकड़े चौकाने वाले हैं. नशे में पकड़े गए पायलट में से 57 पायलट दिल्ली में पकड़े गए, वहीं 43 पायलट मुंबई हवाई अड्डे पर पकड़े गए. इसके अलावा 2 पायलट दुबई हावाई अड्डे पर शराब के नशे में मिले. इनमें एक 2016 में और एक 2017 में नशे में पाया गया. साथ ही 2015 में शारजाह हवाई अड्डे पर एक पायलट ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट में विफल रहा.
बता दें कि 40 से ज्यादा पायलट हर साल ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट में फेल हो रहे हैं. उड़ान भरने से पहले क्रू-मेंबर्स पर प्री-फ्लाइट ब्रीथ-एनालाइजर टेस्ट किया जाता है. यह खून में अल्कोहल की एकाग्रता को निर्धारित करने के लिए एक उपाय है. विमान नियमों के रूल 24 में कहा गया है कि उड़ान शुरू होने से 12 घंटे पहले चालक दल के सदस्यों को शराब का सेवन करने की अनुमति नहीं है.
नशे में पाए गए पायलट्स का विवरण
नशे में पकड़े गए पायलट्स के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में इंडिया टुडे द्वारा फाइल की गई आरटीआई के जवाब में, डीजीसीए ने कहा कि इन पायलट्स द्वारा रखे गए लाइसेंस के विशेषाधिकारों को CAR सेक्शन-5, सीरीज-एफ, पार्ट- III के प्रोविजन्स के अनुसार निलंबित कर दिया गया.
डीजीसीए के नियम के मुताबिक जब केबिन क्रू मेंबर ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट में पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका लाइसेंस 3 महीने के लिए निलंबित हो जाता है. दूसरी बार उल्लंघन के बाद लाइसेंस 3 साल के लिए निलंबित कर दिया जाता है और तीसरी बार उल्लंघन के बाद लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाता है.
इंडिया टुडे ने नशे में पाए गए उन पायलटों के नाम के बारे में भी पूछा, लेकिन DGCA ने किसी भी नाम को बताने से इनकार कर दिया. DGCA ने कहा, 'एयरलाइन का विवरण प्रदान नहीं किया जा सकता, आरटीआई अधिनियम 2005 के पैरा 8 सब पैरा (1) (डी) और (ई) के तहत इसके बारे में बताने से छूट दी गई है.' लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि एयर इंडिया ने इंडिया टुडे द्वारा फाइल की गई एक अन्य आरटीआई के जवाब में नशे में पकड़े गए पायलटों के ब्योरे को जाहिर कर दिया.
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