ओलंपिक में हार के बाद भावुक हुईं महिला मुक्केबाज निखत ज़रीन, बोलीं- भारत के लिए मेडल जीतना सपना था

निखत ने पेरिस ओलंपिक में गैरवरीयता प्राप्त मुक्केबाज के रूप में भाग लिया. राउंड ऑफ़ 16 के मैच में उनका सामना चीन की गोल्ड मेडल की प्रबल दावेदार से हुआ और उन्हें मुक़ाबले में कड़ी टक्कर मिली.

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भारत की निखत ज़रीन (नीले रंग में) और चीन की वू यू- फोटो PTI भारत की निखत ज़रीन (नीले रंग में) और चीन की वू यू- फोटो PTI

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST

पेरिस ओलंपिक में हार के बाद निखत ज़रीन ने अपने प्रशंसकों को एक भावनात्मक संदेश दिया है. शनिवार 3 अगस्त को X पर निखत ने निकट भविष्य में दमदार वापसी का संकल्प लिया. चीन की वू यू के खिलाफ मिली हार को अपने जीवन की सबसे कठिन हार बताते हुए निखत ने कहा कि वह इस हार को विनम्रता से स्वीकार करना चाहती हैं.

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निखत ने पेरिस ओलंपिक में गैरवरीयता प्राप्त मुक्केबाज के रूप में भाग लिया. राउंड ऑफ़ 16 के मैच में उनका सामना चीन की गोल्ड मेडल की प्रबल दावेदार से हुआ और उन्हें मुक़ाबले में कड़ी टक्कर मिली. निखत ने अपने नोट में कहा कि ओलंपिक के मंच पर भारत के लिए पदक जीतना उनका सबसे बड़ा सपना था और उन्हें इस बात से उबरना मुश्किल लगा कि यह जल्दी ही समाप्त हो गया. निखत भारत की सबसे बड़ी पदक दावेदारों में से एक थीं, लेकिन अपनी क्षमता के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाईं.

'यह हार मेरे लिए अब तक की सबसे कठिन हार है'
निखत ज़रीन ने प्रशंसकों को अपने संदेश में लिखा, 'मैंने इतने लंबे समय से जिस ओलंपिक सपने को संजोया था, वह वैसा नहीं हुआ जैसा मैंने उम्मीद की थी. अनगिनत घंटों की ट्रेनिंग, त्याग और दृढ़ निश्चय के बाद, यह पल मेरी उंगलियों से फिसल गया. यह हार मेरे लिए अब तक की सबसे कठिन हार है; यह बहुत गहरी चोट पहुंचाती है और लगभग असहनीय है. मेरा दिल भारी है, लेकिन यह टूटा नहीं है. मैं इसे विनम्रता से स्वीकार करती हूं और अपने जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता खोजने की पूरी कोशिश करूंगी.'

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'ओलंपिक पदक जीतना मेरा सबसे बड़ा सपना था'
निखत ने कहा कि ओलंपिक पदक जीतना मेरा सबसे बड़ा सपना था, और मैंने यहां तक पहुंचने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी. पेरिस 2024 की यात्रा चुनौतियों से भरी थी. एक साल की चोट से जूझना, अपना स्थान वापस पाने के लिए संघर्ष करना, प्रतिस्पर्धा करने के अवसर के लिए संघर्ष करना और अनगिनत बाधाओं को पार करना मेरी लिए चुनौती भरा था.

दो बार की विश्व चैंपियन ज़रीन को खेलों में चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त वू यू के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में सर्वसम्मत निर्णय से बाहर कर दिया गया था. शुरुआती दौर में जर्मनी की मैक्सी क्लोएट्ज़र को हराने के बाद, निखत चीनी खिलाड़ी के खिलाफ जीत हासिल नहीं कर पाईं.

'निखत ज़रीन पहले दो राउंड में हार गईं'
निखत ज़रीन पहले दो राउंड में हार गईं और अंतिम राउंड में पूरी तरह से पिछड़ गईं, जिससे सभी पांच जजों ने चीन की वू यू के पक्ष में स्कोर करते हुए सर्वसम्मति से उन्हें विजेता घोषित कर दिया. भारतीय स्टार निखत अपनी ऊंचाई का फायदा नहीं उठा पाईं, क्योंकि वू यू अपने रक्षात्मक प्रदर्शन में सबसे आगे थीं.

निखत ने कहा, 'मैं अपने सपने को पूरा करने के अवसर के लिए बहुत आभारी हूं, लेकिन नियति ने कुछ और ही सोच रखा था. यहां पेरिस में इसे हासिल न कर पाना दिल तोड़ने जैसा है. मैं चाहती हूं कि मैं समय को पीछे ले जाऊं और एक अलग परिणाम के लिए और भी अधिक प्रयास करूं, लेकिन यह मेरी इच्छा ही है.'

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पेरिस ओलंपिक से बाहर होने के बाद निखत ज़रीन भावुक थीं. निखत ने अपनी निराशा व्यक्त की, लेकिन और मजबूत होकर वापसी करने की कसम खाई.

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