Asian Games Ashi Chouksey Interview: एशियन गेम्स में भारत एक के बाद एक धमाकेदार प्रदर्शन कर रहा है. भारत की झोली में कई गोल्ड, सिल्वर व ब्रॉन्ज मेडल गिर रहे है. एशियन गेम्स के चौथे दिन भारत के लिए शूटिंग में मेडल की बारिश हुई. शूटिंग के 50 मीटर सिंगल्स इवेंट में शूटर सिफ्ट कौर समरा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल जीत लिया. साथ ही, इस इवेंट का ब्रॉन्ज मेडल भी भारत ने अपने नाम कर लिया. इस तरह से एक ही इवेंट से भारत को दो मेडल जीत लिए हैं.
भारत की आशी चौकसे ने देश को दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल दिलाकर देश का गौरव बढ़ा दिया है. आशी ने ‘3-पी 50 मीटर’ एकल स्पर्धा में 451.9 स्कोर करते हुए ब्रॉन्ज मैडल जीता है. जबकि टीम स्पर्धा में दो सिल्वर मैडल जीते हैं. एशियन गेम्स के पहले ही दिन आशी ने 10 मीटर एयर रायफल टीम इवेंट में भी सिल्वर मैडल हासिल किया था. इससे पहले सिफ्ट, आशी और माणिनी कौशिक ने महिला 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में टीम स्पर्धा का रजत पदक भी भारत के नाम किया था. 1764 अंक के साथ आशी, माणिनी और सिफ्ट की तिकड़ी ने क्वालिफिकेशन में दूसरे स्थान प्राप्त किया.
मध्य प्रदेश के भोपाल की रहने वाली 21 साल की आशी ने Aajtak.in से खास बातचीत में अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि मैंने देश के लिए तीन मेडल जीते हैं. मैं कॉन्फिडेंट थी कि इस बार भारत के लिए शूटिंग में हम मेडल जीतेंगे. अपने खेल को लेकर भी मुझे पूरा भरोसा था. मैं इस सफलता का श्रेय अपने परिवार को देना चाहूंगी जिन्होंने मुझे हमेशा सपोर्ट किया है. साथ ही मेरी कोच द्रोणाचार्य अवॉर्डी सुमा शिरुर को भी इसका श्रेय जाता है जिन्होंने मुझे शूटिंग की ट्रेनिंग दी. 15 साल की उम्र में ही मैंने मध्य प्रदेश स्टेट शूटिंग एकेडमी जॉइन कर ली थी.'
NCC में शुरू की शूटिंग
आशी आगे बताती हैं, 'पांच साल पहले मैंने अपनी मां के कहने पर NCC जॉइन किया था, जहां मैंने शूटिंग सीखी और अच्छे प्रदर्शन के बाद मैंने इसे प्रोफेशनल लेवल पर खेलना शुरू कर दिया. 10वीं क्लास तक मेरा सपना था कि मैं IAS या पायलट बनूंगी पर फिर जब शूटिंग में अच्छा करने लगी तो फैमिली ने कहा कि इसी में आगे बढ़ो और फिर मैंने शूटिंग को चुना. इसके बाद मेरा लक्ष्य है ओलंपिक कोटा हासिल करना जिसके लिए अभी और मेहनत करनी है. आखिर हर एक एथलीट का सपना होता है ओलंपिक में जाना.'
शूटिंग में 50 मीटर काफी चैलेंजिंग
शूटिंग के बारे में बताते हुए आशी कहती हैं 'शूटिंग में 50 मीटर इवेंट काफी कठिन होता है. यह काफी ज्यादा चैलेंजिंग होता है क्योंकि डिस्टेंस काफी ज्यादा होता है जिसके लिए एक शूटर को फोकस्ड रहना बेहद जरूरी है. इसके लिए आपकी मेंटल फिटनेस होना जरूरी है. साथ ही क्लाइमेट चेंज भी एक खिलाड़ी के लिए बड़ा चैलेंज होता है.
अभिनव बिंद्रा हैं रोल मॉडल
आशी बताती हैं, 'शूटिंग में मेरे रोल मॉडल अभिनव बिंद्रा हैं, उनके शूटिंग करने के तरीके से काफी सीखने मिलता है. मैंने उन्हें कभी अग्रेशन में नहीं देखा, वो हमेशा शातचित्त रहते हैं. खेल के प्रति हमेशा फोकस्ड. उन्हीं से मुझे यह सीखने मिलता है कि शूटिंग के दौरान कैसे आप फोकस्ड रहें. जब मैं शूटिंग करती हूं, तब मैं किसी और ही दुनिया में होती हूं. मेरा भी पूरा फोकस सिर्फ शूटिंग पर होता है.'
आशी ने अबतक जीते करीब 50 मेडल
बता दें कि आशी चौकसे इंटरनेशल, नेशनल और स्टेट लेवल की स्पर्धाओं में भी कई पदक जीत चुकी हैं. आशी चौकसे ने अब तक करीब 50 मेडल नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर जीते हैं, जिनमें से 8 गोल्ड मेडल हैं. आशी जर्मनी,अजरबेजान में हुई इंटरनेशल स्पर्धाओं में गोल्ड जीत चुकी हैं. इससे पहले बेंगलुरू में हुई खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में आशी चौकसे ने एक गोल्ड और एक सिल्वर मैडल जीता था. राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में आशी चौकसे ने दो गोल्ड और दो सिल्वर मैडल जीते थे.
शैली आचार्य