दिल्ली टेस्ट में शतक चूकने पर छलका साई सुदर्शन का दर्द, कहा- मन में हमेशा वो 100 रन रह जाएंगे

साई सुदर्शन पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था क्योंकि अहमदाबाद टेस्ट मैच में भी उनके बल्ले से रन नहीं निकले थे. सुदर्शन ने दिल्ली टेस्ट मैच में अच्छी पारी खेलकर टीम मैनेजमेंट को राहत प्रदान की है.

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साई सुदर्शन ने दिल्ली टेस्ट मैच में अर्धशतकीय पारी खेली है. (Photo: AFP/Getty Images) साई सुदर्शन ने दिल्ली टेस्ट मैच में अर्धशतकीय पारी खेली है. (Photo: AFP/Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:32 AM IST

वेस्टइंडीज के दिल्ली टेस्ट मैच की पहली पारी में भारतीय बल्लेबाज साई सुदर्शन ने 87 रन बनाए. सुदर्शन अपना पहला टेस्ट शतक पूरा नहीं कर पाए, लेकिन इस बार उन्होंने अपने इंटेंट और बैटिंग अंदाज से सबका दिल जीत लिया. यह एक ऐसी इनिंग्स थी, जिसने बताया कि यह युवा बल्लेबाज अब बड़े मंच पर खुद को साबित करने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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साई सुदर्शन इस मुकाबले में नंबर-3 पर बल्लेबाजी करने उतरे, तो उन पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था. लेकिन सुदर्शन ने पूरे आत्मविश्वास के साथ खेला और आलोचकों को जवाब दिया. तेज गेंदबाजी हो या स्पिन बॉलिंग, उन्होंने बेहतरीन तकनीक का प्रदर्शन किया. जब तक वह अपने दूसरे टेस्ट अर्धशतक तक पहुंचे, उन्होंने एक भी गलत शॉट नहीं खेला था.

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साई सुदर्शन ने इस दौरान सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 193 रनों की अहम साझेदारी की, जिसने भारतीय इनिंग्स को मजबूती दी. ऐसा लग रहा था कि सुदर्शन अपना शतक पूरा करेंगे, लेकिन स्पिनर जोमेल वॉरिकन की शानदार गेंद ने उनकी इनिंग्स का खात्मा कर दिया.

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साई सुदर्शन में काफी आत्मविश्वास नजर आया
बाएं हाथ के बल्लेबाज साई सुदर्शन ने इससे पहले जो टेस्ट मैच खेले थे, उसमें वो बैटिंग के दौरान थोड़े घबराए नजर थे. लेकिन ये मुकाबला उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए काफी रहा. उन्होंने 165 गेंदों की पारी में 12 चौके लगाए और कैरेबियाई स्पिनर्स पर हावी रहे. पहले दिन के खेल के बाद सुदर्शन ने माना कि यह पारी उनके लिए सुकून देने वाली रही है. हालांकि शतक से चूकने पर उनका दर्द भी छलक पड़ा.

साई सुदर्शन ने कहा, 'मैं आज जो किया उसके लिए मैं निश्चित तौर पर आभारी हूं. मन में हमेशा यह इच्छा रहती है कि शतक (100 रन) बनाना है. यह एक अच्छा योगदान था और यशस्वी जायसवाल के साथ साझेदारी बेहतरीन रही. मैं रन बनाने के बारे में नहीं सोच रहा था, बस थोड़ा खुलकर खेला और खुद को बेहतर ढंग से व्यक्त किया.'

साई सुदर्शन कहते हैं, 'मैंने इस इनिंग्स में चीजों को जबरदस्ती करने के बजाय अपने आप होने दिया. इससे मुझे लय में आने में मदद मिली. उन्हें (यशस्वी) दूसरी ओर से खेलते हुए देखना शानदार अनुभव था. वह अच्छी गेंदों को भी बाउंड्री में बदल देते हैं. उन्हें देखकर मुझे समझ आता है कि किन गेंदों पर कौन-से शॉट खेलने चाहिए.'

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साई सुदर्शन का शतक भले छूट गया हो, लेकिन इस पारी ने यह साफ कर दिया कि वह अब सीख रहे हैं, ढल रहे हैं, और धीरे-धीरे टेस्ट क्रिकेट में अपनी जगह को मजबूत बना रहे हैं. सुदर्शन ने कहा, 'किसी से कम्पटीशन नहीं है, लेकिन मैं लगातार सीख रहा हूं और यह समझ रहा हूं कि अच्छी गेंदों को रन में कैसे बदला जाए.'

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