यमराज की पूजा वर्ष में तीन बार की जाती है. पहले मौका नरक चतुर्दशी का है, जब यम देवता के लिए दीपक जलाया जाता है. दूसरा मौका भाई दूज का होता है, क्योंकि यमराज ने अपनी बहन को यह आश्वासन दिया था कि जो भाई अपने बहन के घर जाकर तिलक करेगा और भोजन करेगा, उसकी आयु लंबी हो जाएगी.