शायर-गीतकार जावेद अख्तर का कहना है कि दुनिया के किसी भी धर्म में भगवान को लेकर विभिन्न विचार होते हैं, लेकिन कई बार ऐसा लगता है कि कोई सुप्रीम पावर इंसान की भलाई के लिए सक्रिय नहीं है. कमजोरों की रक्षा और अन्याय के खिलाफ कोई हस्तक्षेप नजर नहीं आता है. कायनात की उत्पत्ति और उसके निर्माता पर सवाल उठाए गए हैं, साथ ही यह भी बताया गया है कि समय और अस्तित्व की सीमाएं क्या होती हैं. धार्मिक मान्यताओं की आलोचना करते हुए यह भी समझाया गया है कि कई पुरानी मान्यताएं आज विश्वासयोग्य नहीं रह गई हैं तथा ऐतिहासिक और तर्कसंगत दृष्टिकोण से उनका पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है. इस विषय पर विचार करने से हम आधुनिक सोच और विज्ञान की भूमिका को बेहतर समझ सकते हैं.